अमरनाथ की पवित्र गुफा में इस बार 20 से 22 फुट ऊंचा हिमलिंग प्रकट हुआ है। बाबा के भवन तक जाने वाले बालटाल के रास्ते में अभी 20 फुट के करीब बर्फ जमा है। खून जमा देने वाली सर्दी पड़ रही है।
सूत्रों के अनुसार गुफा का जायजा लेने गयी पुलिस की एक टुकड़ी से इस बारे में जानकारी मिली है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इस संबंध में कुछ नहीं कहा गया। पिछले साल अमरनाथ यात्रा कोरोना की भेंट चढ़ गयी थी। कोरोना की दूसरी लहर के कारण उपजी परिस्थितियों के चलते जम्मू-कश्मीर प्रशासन अमरनाथ यात्रा करवाने पर फिलहाल असमंजस में है। इसके लिए कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, पर सब कोरोना की रफ्तार पर निर्भर है।
यात्रा से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, सबसे बड़ा खतरा अनंतनाग जिले में बढ़ते कोरोना केस हैं। अनंतनाग जम्मू-कश्मीर में सबसे अधिक कोरोना मरीजों के साथ शीर्ष पर है। प्रशासन यहां कोई ढील देने को तैयार नहीं है। इसी जिले में अमरनाथ गुफा है और इसी से होकर श्रद्धालुओं को यात्रा करनी है। एक अधिकारी के अनुसार, प्रशासन को कई विकल्प दिए जा रहे हैं। एक विकल्प यात्रा अवधि 15 दिन करने और बालटाल मार्ग का इस्तेमाल करने का भी है। अन्य विकल्प है कि सिर्फ हेलिकाॅप्टर से यात्रा की अनुमति दी जाये।
समस्या यह है कि किसी भी विकल्प को अंजाम तक पहुंचाने के लिए व्यवस्थाएं होना लाजिमी हैं, लेकिन इस बार की यात्रा के लिए किसी भी व्यवस्था को अभी तक हकीकत में नहीं बदला जा सका है। प्रशासन का कहना है कि अधिकारियों, कर्मचारियों से लेकर सुरक्षाकर्मी तक कोरोना संबंधी ड्यूटियों में व्यस्त हैं।