माइक्रो ब्लॉगिंग कंपनी ट्विटर के साथ जारी विवाद शनिवार को उस समय बढ़ गया जब पता चला कि Twitter ने मोहन भागवत, भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के ट्विटर हैंडल (निजी ट्विटर हैंडल) से ब्लू टिक हटा दिया है। यही नहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार सुरेश सोनी व पूर्व कार्यवाह भैय्या जी जोशी समेत अन्य का ब्लू टिक भी हटाया गया है। मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने सख्ती दिखाई और Twitter से सम्पर्क साधा।
सरकार की सख्ती के बाद Twitter ने अपनी गलती सुधारी और वेंकैया नायडू के हैंडल पर ब्लू टिक बहाल कर दिया गया। आरएसएस के पदाधिकारियों को लेकर भी यही भरोसा दिया गया है। इस बीच, ताजा खबर यह है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत के ट्विटर हैंडल से भी ब्लू टिक हटा दिया गया है। माना जा रहा है कि Twitter की मनमानी के बाद सरकार कंपनी से खफा है और बड़ी कार्रवाई के मूड में है। सरकार वैंकेया नायडू के अकाउंट को अनवेरिफाइड करना असंवैधानिक बता रही है।
Twitter ने सरकार के सामने दलील रखी कि 6 माह से अकाउंट एक्टिव नहीं होने के कारण ब्लू टिक हटाया गया है। इस पर सरकार ने दिवंगत नेता अरुण जेटली और सुषमा स्वराज के अकाउंट का हवाला दिया। साथ ही बताया कि वेंकैया नायडू ट्विटर पर एक्टिव रहते हैं, तो ट्विटर ने गलती सुधारी।
बता दें, Twitter विवादों में है क्योंकि वह भारत सरकार के कानून मानने में आनाकानी कर रही है। ऐसे में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटना आग में घी का काम करेगा। मामला सामने आने के बाद इसके बाद से इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर Twitter का नए सिरे से विरोध शुरू हो गया है और लोग इस कंपनी पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।