मोदी सरकार ने स्विस बैंक के अधिकारियों से बढ़ती भारतीय जमा राशि का मांगा ब्योरा

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वित्त मंत्रालय ने शनिवार को जोर देकर कहा कि स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीय ग्राहकों की जमा राशि में 2019 से गिरावट आई है. मंत्रालय ने कहा कि वह स्विस अधिकारियों से इस बारे में तथ्य मांग रहा है. साथ ही उनसे 2020 में व्यक्तियों और इकाइयों द्वारा जमा कराई गई राशि में बदलाव की संभावित वजह की भी जानकारी मांगी गई है. मंत्रालय ने शनिवार को बयान में कहा कि भारतीयों की जमा आधी रह गई है. हालांकि, मंत्रालय ने इस बारे में कोई आंकड़ा नहीं दिया.

स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने 17 जून को खबर दी थी कि भारतीय लोगों और कंपनियों का स्विस बैंकों में जमा धन 2020 में 13 साल के उच्चस्तर 2.55 अरब स्विस फ्रैंक या 20,700 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इनमें भारत स्थित शाखाओं और अन्य वित्तीय संस्थानों के जरिये जमा धन भी शामिल है. खबरों के अनुसार प्रतिभूतियों और इसी तरह के अन्य माध्यमों के जरिये स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा में बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, इस दौरान ग्राहक-जमा में कमी आई है.

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस आंकड़ों से स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के कालेधन का कोई संकेत नहीं मिलता है. इसके अलावा आंकड़ों में भारतीयों, एनआरआई या अन्य द्वारा तीसरे देश की इकाई के रूप में जमा धन भी शामिल नहीं है. मंत्रालय ने कहा कि वास्तव में स्विस बैंकों में भारतीय उपभोक्ताओं की जमा में गिरावट आई है. ‘‘सबसे बड़ी वृद्धि बांड, प्रतिभूतियों या अन्रू वित्तीय उत्पादों के रूप में हुई है.’’

मंत्रालय ने कहा कि भारतीयों की जमा बढ़ने की कई अन्य वजहें भी हैं. इनमें भारतीय कंपनियों के बढ़ते कारोबारी लेनदेन, भारत में स्विस बैंक की शाखाओं की वजह से जमा में बढ़ोतरी और स्विस तथा भारतीय बैंकों के बीच अंतर-बैंक लेनदेन में वृद्धि शामिल है.

स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) के आंकड़ों के अनुसार भारतीय ग्राहकों की स्विस बैंकों में जमा राशि 2019 के अंत तक 89.9 करोड़ स्विस फ्रैंक या 6,625 करोड़ रुपये थी. लेकिन 2020 में इसमें बढ़ोतरी हुई और दो साल से लगातार आ रही गिरावट रुख पलट गया.

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