शिवसेना के मुख्यपत्र दैनिक सामना में शिवसेना के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के भाषण पर कांग्रेस को सलाह दी गई है।
शनिवार को राहुल गांधी का जन्मदिन था। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम, पार्टी प्रवेश कर्मक्रम सम्पन्न हुआ। इसके एक समारोह में प्रदेश कांग्रेस दवारा फिर से स्वावलम्बी होने की घोषणा की गई। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले स्वावलम्बी होने की भाषा बोल रहे है। उन्हें पृथ्वीराज बाबा का साथ मिला है। इस गठबंधन के कारण महाराष्ट्र में कांग्रेस नंबर एक पार्टी बनेगी और उनके आत्मविश्वास का कोई प्रयास नहीं करे. मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप ने भी मुंबई मनपा चुनाव अकेले दम पर लड़ने की हुंकार भरी है। कांग्रेस पार्टी महाविकास आघाडी में है उसके बावजूद स्वावलम्बी होने की भाषा बोल रही है। इस पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि स्वावलम्बी होने की बजाय आज कोरोना पर ध्यान देने की जरुरत है। अन्य लोग स्वावलम्बी होंगे तो शिवसेना चुप बैठेगी क्या ?
शिवसेना के पास आत्मबल और स्वबल है। स्वबल शिवसेना का अधिकार है। चुनाव आया नहीं कि स्वावलम्बी होने की भाषा बोलना सही नहीं है। लेकिन हर लड़ाई खुद के दम पर लड़नी चाहिए। महाराष्ट्र में शिवसेना भाजपा का गठबंधन था तब भी शतप्रतिशत भाजपा ने यह कार्यक्रम चलाया था। स्वावलम्बी दोनों का दम उस वक़्त भी भरा गया था। ऐसे में किसी पार्टी के लिए स्वावलम्बी होने की बात कहना गलत नहीं है। लेकिन उन्हें केवल अपने पांव के नीचे की जमीन देख लेनी चाहिए।
राममंदिर जमीन घोटाला के संदर्भ में शिवसेना दवारा कुछ ईंमानदार सवाल खड़ा किया गया है। शिवसेना ने सवाल किया है कि राममंदिर ट्रस्ट की जमीन घोटाला और हिंदुत्व में परस्पर कैसा क्या संबंध हो सकता है ? राममंदिर के नाम पर जमीन घोटाला करने का अधिकार किसने दिया ?
राममंदिर जमीन घोटाले पर सवाल करने पर भाजपा के कार्यकर्ता शिवसेना भवन लेकर आ गए। इन कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री के बंगले वर्षा में बुलाकर सम्मानित किया गया। भाजपा को यह पसंद नहीं आया और उसके पेट में दर्द होने लगा। उन्हें पेट दर्द की दवा दे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि बाबरी हमने नहीं तोड़ी है। ऐसी झूट बोलने की शिवसेना की परम्परा नहीं है।
Edited By : Rahanur Amin Lashkar