अमेरिका के सामने सबसे बड़ा खतरा है डेल्टा वेरिएंट, दिग्गज डॉक्टर की चेतावनी

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कोरोना वायरस के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस ने दुनिया के कई देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक, 10 देशों- अमेरिका, भारत, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में डेल्टा प्लस कोविड वेरिएंट मिल चुका है। भारत में हालांकि डेल्टा प्लस वेरिएंट के अभी तक केवल 40 मामले ही मिले हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे चिंता का विषय बताया है। इस बीच कोरोना का डेल्टा वेरिएंट भी कई देशों में कोहराम मचा रहा है। अमेरिका के मुख्य स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. एंथोनी फौसी ने कोरोना के डेल्टा वेरिएंट को एक बड़ा खतरा बताते हुए दुनिया के देशों को आगाह किया है।

डॉ. एंथोनी फौसी ने मंगलवार को एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, ‘कोरोन वायरस का डेल्टा वेरिएंट इस महामारी को मिटाने में अमेरिका की कोशिशों के सामने सबसे बड़ा खतरा है। कोरोना का ये नया वेरिएंट काफी संक्रामक है, जिसने हाल ही में भारत में कहर मचाया था। इस समय अमेरिका में मिल रहे कोरोना वायरस के नए मामलों में 20 फीसदी केस इसी डेल्टा वेरिएंट के हैं। दो हफ्ते पहले ही अमेरिका में कोरोना वायरस के मामलों में 10 फीसदी का इजाफा भी हुआ है।’

‘डेल्टा वेरिएंट से लड़ने में सक्षम हैं अमेरिकी वैक्सीन’
डॉ. फौसी ने आगे कहा, ‘अमेरिका जैसे ही हालात ब्रिटेन में भी हैं। हालांकि एक गुड न्यूज ये है कि अमेरिकी वैक्सीन डेल्टा वेरिएंट से लड़ने में सक्षम हैं। पूरा निष्कर्ष यही है कि हमारे पास इस वेरिएंट से लड़ने के लिए हथियार मौजूद है, तो उसका इस्तेमाल कीजिए। फाइजर वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के दो हफ्ते बाद यह डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 88 फीसदी तक प्रभावी है।’ आपको बता दें कि भारत सहित दुनिया के 80 देशों में कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट फैल चुका है। भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के पीछे इसी डेल्टा वेरिएंट को वजह माना गया है।

Edited By : Rahanur Amin Lashkar

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