साल का तीसरा ग्रैंडस्लैम विंबलडन 2021 शुरू हो चुका है. टूर्नामेंट के पहले दिन नोवाक जोकोविच जैसे खिलाड़ी कोर्ट पर नजर आए, मगर पहला दिन एक महिला के नाम रहा. कैमरे का फोकस एक महिला पर रहा. पूरा स्टेडियम उनके सम्मान में खड़ा हो गया. तालियों की गड़गड़ाहट से स्टेडियम गूंज उठा. जिस महिला के सम्मान में पूरा स्टेडियम खड़ा हुआ, वो जानी मानी वायरोलॉजिस्ट सारा गिल्बर्ट थीं. सारा की बदौलत ही कोविड वैक्सीन बनी. इस महिला वैज्ञानिक ने ही ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका कोरोना वैक्सीन को डवलप किया था.
टूर्नामेंट के आयोजकों ने गिल्बर्ट सहित ब्रिटेन में नेशनल हेल्थ सर्विस के स्टाफ को पहले दिन रॉयल बॉक्स में बैठकर मुकाबले देखने के लिए आमंत्रित किया था.
जोकोविच ने 19 साल के वाइल्ड कार्ड जैक ड्रेपर को सर्विस करनी चाही, तभी ऐलान हुआ और बताया गया कि रॉयल बॉक्स में वैक्सीन बनाने वाले डवलपर्स और नेशनल हेल्स सर्विस से जुड़े लोग बैठे हैं. जिनकी बदौलत ही टूर्नामेंट का आयोजन संभव हो पाया है.
An opening day on Centre Court with a difference…
A special moment as we say thank you to those who have played such an important role in the response to COVID-19#Wimbledon pic.twitter.com/16dW1kQ2nr
— Wimbledon (@Wimbledon) June 28, 2021
इसके बाद पूरा स्टेडियम गिल्बर्ट के सम्मान में खड़ा हो गया और तालियां बजाने लगा. कमेंटेटर बोरिस ने कहा कि यह काफी इमोशनल पल है. कोरोना वायरस के कारण पिछले साल विंबलडन को रद्द करना पड़ा था. कोरोना वैक्सीन से पहले भी सारा गिल्बर्ट का नाम मलेरिया वैक्सीन के साथ जुड़ चुका था. 1962 में यूके में जन्मीं सारा को उनके साथी पक्के इरादों वाला शख्स कहते रहे हैं.
ऑक्सफोर्ड में जॉब पाने के बाद सारा ने प्रोफेशनल लाइफ में पीछे मुड़कर नहीं देखा. जेनर इंस्टिट्यूट में प्रोफेसर बनने से लेकर अपनी खुद की रिसर्च टीम बनाकर पूरी दुनिया के लिए फ्लू वैक्सीन बनाने की ज़िम्मेदारी निभाई. फिर 2014 में, इबोला वैक्सीन का ट्रायल उनके नेतृत्व में ही हुआ. इसके बाद मिडिल ईस्ट में जो वायरस Mers फैला था, उसके खिलाफ वैक्सीन विकास के लिए भी सारा ने अरब देश की यात्रा की थी.
Edited By : Rahanur Amin Lashkar