विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची कहा कि भारत के खिलाफ आधारहीन टिप्पणी करना पाकिस्तान के लिए नया नहीं है। पाकिस्तान अच्छा करेगा अगर वह अपने घर के भीतर सुरक्षित तौर से रह रहे आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे।
कई दशकों से आतंकवाद को बतौर सरकारी नीति बढ़ावा दे रहा पाकिस्तान अब भारत पर अपने यहां आतंकी वारदातों को अंजाम देने का आरोप लगा रहा है। पाकिस्तान के आरोपों को भारत ने पूरी तरह से आधारहीन करार देते हुए उसे सलाह दी है वह दुष्प्रचार बंद करे और अपने घर के भीतर ध्यान दे। भारत ने यह भी कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी इस बात से पूरी तरह से वाकिफ है कि आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का का कैसा रवैया रहा है। दो दिन पहले ही पाकिस्तान सरकार की तरफ से प्रेस वार्ता करके लाहौर में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से नामित आतंकी हाफिज सईद के घर के पास किए गए धमाके को लेकर भारत पर टिप्पणी की गई है। वहां के पीएम इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी गैर जिम्मेदाराना बयान दिया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि भारत के खिलाफ आधारहीन टिप्पणी करना पाकिस्तान के लिए नया नहीं है। पाकिस्तान अच्छा करेगा अगर वह अपने घर के भीतर सुरक्षित तौर से रह रहे आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी आतंकवाद पर पाकिस्तान की साख के बारे में अच्छी तरह से पता है। पाकिस्तान के नेताओं ने स्वयं ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकी को शहीद बता कर उसका गुणगान किया है।
पाकिस्तान के रवैये को लेकर भारत ने इस्लामिक देशों के संगठन (ओआइसी) को भी आगाह किया है। विगत पांच जुलाई को सऊदी अरब में भारत के राजदूत ने ओआइसी के महासचिव से मुलाकात की थी। बैठक में कई मुद्दों पर बात हुई। भारत ने खास तौर पर आग्रह किया कि भारत को लेकर इस संगठन में अनावश्यक तौर पर टिप्पणी नहीं होनी चाहिए और संगठन को किसी खास देश के दुष्प्रचार को लेकर कदम नहीं उठाना चाहिए। सनद रहे कि पाकिस्तान लगातार ओआइसी में कश्मीर का मुद्दा उठाता रहता है। ओआइसी की तरफ से हाल ही में एक बयान जारी किया था, जिसमें भारत व पाकिस्तान से मिल-जुल कर कश्मीर मुद्दे का समाधान करने का आग्रह किया गया था। इसके साथ ही भारत से अनुरोध किया गया था कि वह ओआइसी की एक टीम को कश्मीर जाने की इजाजत दे।
बागची ने कहा है कि ओआइसी के महासचिव के साथ भारतीय राजदूत ने कई मुद्दों पर बात की है। हमने ओआइसी की कुछ गलतफहमियों को भी दूर करने की कोशिश की है। पाकिस्तान का नाम लिए बगैर बागची ने कहा कि अधिकांश गलतफहमियां कुछ देशों की तरफ से पैदा की गई हैं। ओआइसी को इन देशों के निजी एजेंडे पर ध्यान रखना चाहिए, ताकि स्वार्थ आधारित दुष्प्रचार से इस संगठन को बचाया जा सके। ओआइसी को यह भी सलाह दी गई है कि भारत विरोधी दुष्प्रचार के आधार पर उसे देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए।