आक्सीजन उत्पादक प्लांट भंडारण क्षमता और एंबुलेंस का इस्तेमाल सिर्फ कोरोना के मरीजों तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि सामान्य बीमारियों के लिए इसका इस्तेमाल होता रहेगा। ई-संजीवनी डाक्टरों की कमी से जूझ रहे ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए यह वरदान साबित हो सकता है।
केंद्र सरकार की ओर से घोषित दूसरा स्वास्थ्य पैकेज तीसरी लहर की तैयारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य ढांचे को स्थायी रूप से मजबूत भी करेगा। कोरोना की दूसरी लहर की व्यापकता और टीकाकरण की बढ़ती रफ्तार के आधार पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने तीसरी लहर के दूसरी लहर की तुलना में कमजोर होने का अनुमान लगाया है। जाहिर है पैकेज से मजबूत होने वाले स्वास्थ्य ढांचे का लाभ लंबे समय तक आम लोगों को मिलता रहेगा।
तीसरी लहर का प्रभाव दूसरी लहर जैसा नहीं होगा, दूसरी लहर में 90 फीसद तक लोग हुए संक्रमित
कोरोना की तीसरी लहर के बारे में वैसे तो अलग-अलग अनुमान लगाए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक के हुए अध्ययनों से यह साफ है कि कोरोना से पहले संक्रमित होने वालों और वैक्सीन लेने वालों को संक्रमित होने की संभावना कम होती है और संक्रमित होने के बाद भी बहुत कम लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ती है। दूसरी लहर की व्यापकता का सही अंदाजा तो सीरो-सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा, लेकिन कई शहरों में हुए स्थानीय स्तर पर हुए सीरो-सर्वे में 90 फीसद तक लोगों के संक्रमित होने के सबूत मिले हैं। जाहिर है ऐसे लोगों में तीसरी लहर का प्रभाव दूसरी लहर जैसा नहीं होगा
तीसरी लहर को कमजोर करने में सबसे अहम भूमिका होगी टीकाकरण की
तीसरी लहर को कमजोर करने में सबसे अहम भूमिका टीकाकरण की भी होगी। वैसे तो वैज्ञानिक रूप से वैक्सीन की दो डोज से इम्यूनिटी विकसित होने की बात की जाती है, लेकिन कई शोधों में यह भी साबित हुआ है कि एक डोज भी काफी हद तक संक्रमण की तीव्रता को रोकने में सहायक है और कोरोना से संक्रमित हो चुके व्यक्ति में एक डोज भी इम्यूनिटी विकसित कर देती है।
सरकार ने साल के अंत तक सभी लोगों को वैक्सीन लगाने का रखा लक्ष्य
सरकार ने इस साल के अंत तक 18 साल से अधिक उम्र के सभी लगभग 94 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा है। वहीं आइसीएमआर ने तीसरी लहर के नवंबर से जनवरी के बीच कभी भी शुरू होने का अनुमान लगाया है। यानी तीसरी लहर शुरू होने के पहले ही देश में अधिकांश लोगों को वैक्सीन लग चुकी होगी है।
ई-संजीवनी को मजबूत किया जाएगा
गुरुवार को घोषित दूसरे पैकेज के तहत देश के सभी जिलों में आक्सीजन रखने के लिए स्टोरेज तैयार किए जाएंगे। इसके साथ ही 8,800 नई एंबुलेंस भी उपलब्ध कराई जाएंगी। ई-संजीवनी प्लेटफार्म को भी और मजबूत किया जाएगा, अभी तक यह प्लेटफार्म दूर-दराज के कोरोना मरीजों को बेहतरीन डाक्टरों की सलाह मुहैया करने में कारगर साबित हुआ है। फिलहाल इस पर हर दिन 50 हजार लोगों को सलाह दी जा रही है, जिसे बढ़ाकर प्रतिदिन पांच लाख करने की तैयारी है।
कोरोना के अलावा सामान्य बीमारियों के मरीजों को भी मिलेगा बढ़ी हुई सुविधाओं का लाभ
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आक्सीजन उत्पादक प्लांट, भंडारण क्षमता और एंबुलेंस का इस्तेमाल सिर्फ कोरोना के मरीजों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सामान्य बीमारियों के लिए इसका इस्तेमाल होता रहेगा। इनकी उपलब्धता दूर-दराज के इलाकों में बेहतर इलाज मुहैया कराने में अहम साबित हो सकती है। वहीं ई-संजीवनी को आसानी से कोरोना के अलावा दूसरी बीमारियों के लिए सलाह के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है। डाक्टरों की कमी से जूझ रहे ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए यह वरदान साबित हो सकता है।