भाजपा में राज्यसभा में सदन का नया नेता चुनने की कवायद शुरू हो गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, उद्योग और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी इस नई भूमिका के प्रबल दावेदार हैं। इनमें पीयूष गोयल अभी सदन में भाजपा के उपनेता हैं। राज्यसभा में नेता का पद थावरचंद गहलोत के राज्यपाल बनने से रिक्त हुआ है।
संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। उसके पहले सरकार को सदन में नेता तय करना है। सूत्रों के अनुसार, सदन के उप नेता होने के नाते गोयल को पदोन्नत किया जा सकता है, लेकिन विभिन्न समीकरणों को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के नाम की भी चर्चा में है। निर्मला सीतारमण महिला हैं और भाजपा संसदीय बोर्ड में भी किसी महिला को शामिल किए जाने की चर्चा है। ऐसे में राज्यसभा में नेता के नाते उनको बोर्ड में भी जगह दी जा सकती है।
विभिन्न दलों से अपने रिश्ते और समन्वय के काम को देखते हुए मुख्तार अब्बास नकवी को भी इस नई भूमिका के उपयुक्त माना जा रहा है। इससे भाजपा अल्पसंख्यक समुदाय को भी एक नया संदेश दे सकती है। अभी तक सदन के नेता रहे थावरचंद गहलोत दलित समुदाय से आते थे और भाजपा के संसदीय बोर्ड के सदस्य भी थे। आमतौर पर भाजपा अपने किसी वरिष्ठ नेता को ही इस भूमिका में सामने लाती है। गहलोत के पहले अरुण जेटली सदन के नेता हुआ करते थे।
इस समय राज्यसभा में भाजपा और सरकार यानी राजग के पास बहुमत नहीं है। ऐसे में सदन के नेता की भूमिका बढ़ जाती है, क्योंकि उसको सदन में हर मौके पर सरकार का बहुमत दिखाना होता है। साथ ही सदन के संचालन में अन्य दलों के साथ संबंध में भी करना होता है।