मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ जबरन वसूली की शिकायत दर्ज कराने वाले एक बिल्डर ने जांचकर्ताओं को बताया है कि इस साल मार्च में अपने पूर्व व्यापार साझेदार और सिंह के करीबी सहयोगी के साथ मुलाकात के दौरान उसने उसे यह कहते सुना था कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) महाराष्ट्र के चार से पांच मंत्रियों की जांच करेगी और राज्य सरकार जल्द ही गिर जाएगी। यह बात एक पुलिस अधिकारी ने कही।
बिल्डर श्यामसुंदर अग्रवाल से कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये की मांग करने के आरोप में मुंबई पुलिस ने सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। मामला बुधवार को दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस थाने में दर्ज किया गया था।
अग्रवाल के पूर्व साझेदार संजय पुनमिया (55) और उसके सहयोगी सुनील जैन (45) को मामले में गिरफ्तार किया गया है।
अग्रवाल की शिकायत के आधार पर पुलिस ने परमबीर सिंह के खिलाफ जबदल वसूली का मामला दर्ज किया है। अग्रवाल की शिकायत के अनुसार, 2011 में विवादों के कारण उसकी साझेदारी समाप्त होने के बाद, पुनमिया ने अग्रवाल के खिलाफ कथित जबरन वसूली और धोखाधड़ी के कम से कम 18 मामले दर्ज कराये थे।
पुलिस को दिए अपने बयान में अग्रवाल ने कहा कि, इसी साल 23 मार्च और 30 मार्च को वह समझौता करने के लिए पुनमिया से मिला था। बयान के अनुसार इस बैठक को अग्रवाल द्वारा रिकॉर्ड किया गया था और यह सिंह और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी का आधार है।
अग्रवाल ने पुलिस को बताया कि बैठक के दौरान पुनमिया को उसके फोन पर परमबीर सिंह, डीसीपी अकबर पठान और अन्य अधिकारियों के फोन आए। अग्रवाल ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि उनके फोन कॉल के दौरान, उसने पुनमिया को सिंह द्वारा तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लिखे गए 100 करोड़ रुपये के पत्र के बारे में चर्चा करते हुए सुना।
अग्रवाल ने यह भी कहा कि पुनमिया ने यह भी चर्चा की कि सीबीआई जल्द ही 100 करोड़ रुपये के आरोपों की जांच शुरू करेगी और एनआईए राज्य सरकार के चार से पांच मंत्रियों की जांच करेगी जिससे यह सरकार मुश्किल में पड़ जाएगी तथा जल्द ही गिर जाएगी।
Edited By – Rahanur Amin Lashkar