Mohammed Rafi death anniversary : झमझमाती बारीश में निकला था मोहम्मद रफी का जनाजा

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सुरों के बादशाह मोहम्मद रफी की आज पुण्यतिथि है। रफी साहब का निधन 31 जुलाई 1980 को हार्ट अटैक से हुआ था। उन्हें एक के बाद एक तीन हार्ट अटैक आए थे। मोहम्मद रफी की मौत के बाद अगले दिन जब उनके घर से उनका जनाज़ा निकला तो उस दौरान मुंबई में तेज बारिश हो रही थी। रफी साहब को विदाई देने के लिए हजारों की संख्या में उनके फैंस पहुंचे थे। तेजी बारिश के कारण मुंबई की सड़कों पर छाते ही छाते खुले दिखाई दिए। कहा जाता है कि कई फिल्मों में रफी साहब की अंतिम यात्रा की रिकॉर्डिंग हिंदी फिल्मों में इस्तेमाल की गई है। मोहम्मद रफी ने बतौर गायक अपने करियर की शुरुआत 13 साल की उम्र से की थी।

के एल सहगल ने रफी साहब को अपने एक कॉन्सर्ट में गाने का मौका दिया था। इसके बाद साल 1948 में उन्होंने ‘सुन सुनो आए दुनिया वालों बापूजी की अमर कहानी’ गाना गाया, जोकि राजेन्द्र कृष्णन द्वारा लिखा हुआ था। यह गाना उस दौरान सुपरहिट हुआ था। और तो और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मोहम्मद रफी को यह गाना अपने घर पर गाने के लिए भी निमंत्रण किया था। खैर, आवाज की दुनिया के बेताज बादशाह मोहम्मद रफी की मोहम्मद रफी डेथ एनिवर्सरी पर विनम्र अभिवादन.

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