अब मुंबई में हो सकेगी कोरोना के बदलते स्वरूप की जांच

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देश की आर्थिक राजधानी में भी अब कोरोना के बदलते स्वरूप यानी कोरोना के नए वैरिएंट का पता लगाया जा सकेगा। बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई के कस्तूरबा गांधी अस्पताल में जीनोम सीक्वेंसिंग मॉलिक्युलर लैब का उद्घाटन किया।

इस लैब के शुरू होने से कोरोना के नए वैरिएंट की जानकारी तत्काल मिल सकेगी। इस मशीन के जरिए एक साथ 384 नमूनों की जांच की जा सकेगी और चार दिन के अंदर नए वैरिएंट का निष्कर्ष निकाला जा सकेगा।

बीएमसी के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना के नए वैरिएंट का पता लगाने वाली मशीन बीते बृहस्पतिवार को ही सिंगापुर से मुंबई पहुंच गई थी। अमेरिका की इलुम्निया कंपनी ने सीएसआर फंड के तहत 6.40 करोड़ की इस मशीन को दान स्वरूप बीएमसी को सौंपा है।

इसके साथ ही एटीई चंद्रा फाउंडेशन ने भी करीब 4 करोड़ रुपए की मदद की है।

इस मशीन से एक नमूने की जांच पर 10 हजार रुपये का खर्च आता है। इसलिए कंपनी ने मशीन के साथ 6500 टेस्टिंग किट भी दिया है।

दूसरी ओर बुधवार को बच्चों में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) के लिए स्पिनराज़ थेरेपी भी शुरू की गई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीएमसी के टीएन मेडिकल कॉलेज एंड बीवाईएल नायर चैरिटेबल अस्पताल में डिजिटल माध्यम से इसका उद्घाटन किया।

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