Parambir Singh Case: एक शिकायत के आधार पर खुलासा हुआ कि मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह और पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने धमकाकर जबरन एफआईआर लिखवाई. इसमें दाऊद और उसके भाई का नाम है.
मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह पर एक के बाद एक नए नए आरोप लग रहे हैं. हाल ही में उनके ख़िलाफ़ मुंबई और थाने में वसूली का मामला श्याम सुंदर अग्रवाल और उनके भतीजे शरद अग्रवाल की शिकायत पर दर्ज हुआ है. उसी शिकायत में एक खुलासा हुआ है कि साल 2017 में पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा जब ठाणे एंटी एक्सटॉर्शन सेल में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक थे और परमबीर सिंह पुलिस कमिश्नर थे तब दोनों ने अग्रवाल को धमकाया था कि अगर वो कोरे काग़ज़ पर हस्ताक्षर नहीं करेगा तो उसके ख़िलाफ़ मकोका के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.
श्याम सुंदर अग्रवाल ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि अक्टूबर 2017 में शर्मा ने मुझे अपने ऑफिस में बुलाया और कहा कि उनके पास बहुत सारे ऐसे सबूत हैं जिसके आधार पर वो मुझ पर मकोका के तहत मामला दर्ज कर सकते हैं. इसके बाद मुझे एक कोरे काग़ज़ पर हस्ताक्षर करने को कहा गया और जैसे ही मैंने हस्ताक्षर किए मुझे वहां से जाने को कहा गया. इसके बाद दूसरे दिन सुबह मुझे पता चला कि मुझे ठाणे नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई एक एफ़आईआर में शिकायतकर्ता बनाया गया. उस एफ़आईआर में दाऊद इब्राहिम, अनिस इब्राहिम, इक़बाल कासकर, भवर कोठारी, भरत जैन और टोनी लेविस जैसे लोगों को आरोपी बनाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक साज़िश थी जिसके तहत उन्हें धोखे से शिकायतकर्ता बनाया गया ताकि वसूली की जा सके.
बता दें कि इक़बाल कासकर को शर्मा की टीम ने एक्सटॉर्शन के मामले में साल 2017 में गिरफ़्तार किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि कासकर दाऊद इब्राहिम के नाम से एक्सटॉर्शन का रैकेट चलाता है, इसी मामले में ठाणे पुलिस ने चार्जशीट भी दायर की है.
श्याम सुंदर अग्रवाल ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि ठाणे पुलिस ने कासकर के ख़िलाफ़ क्या शिकायत या क्या आरोप लगाए हैं. श्याम सुंदर अग्रवाल की शिकायत पर मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में और उनके भतीजे शरद अग्रवाल की शिकायत पर ठाणे पुलिस ने परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.