महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख को ED ने फिर समन भेजा है. अनिल देशमुख को बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय के मुंबई स्थित कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया है. मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी अनिल देशमुख के खिलाफ जांच कर रही है. ईडी ने अनिल देशमुख के खिलाफ यह पांचवा समन भेजा है.
इससे पहले ईडी चार बार अनिल देशमुख के खिलाफ समन भेज चुकी है. लेकिन अनिल देशमुख एक बार भी ईडी के सामन पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए. इससे पहले उन्होंने कभी अपने स्वास्थ्य, उम्र, कोरोना का हवाला देकर पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए तो कभी ईडी से यह सवाल कर के हाजिर नहीं हुए कि ईडी को जिस बारे में पूछताछ करनी है, उसकी सूची भेजी जाए.
कभी वो यह तर्क देकर भी हाजिर नहीं हुए कि उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की हुई है. उस पर अभी सुनवाई चल रही है, तब तक ईडी द्वारा समन भेजे जाने के कोई तर्क नहीं है. बता दें कि इससे पहले ईडी ने अनिल देशमुख के बेटे ऋषिकेश देशमुख और उनकी पत्नी को भी समन भेजा था. लेकिन वे दोनों भी ईडी की पूछताछ में हाजिर नहीं हुए. लेकिन सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय ने देशमुख की याचिका ठुकरा दी. इसके बाद अब देखना है कि अनिल देशमुख ईडी के इस पांचवा समन मिलने के बाद पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय में हाजिर होते हैं या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका ठुकराए जाने के बाद देशमुख के सारे रास्ते बंद
सुप्रीम कोर्ट में अनिल देशमुख ने याचिका दायर कर अलग-अलग मांगें रखी थीं. देशमुख ने सुप्रीम कोर्ट से अपने खिलाफ चल रही जांच को स्थगित करने की मांग की थी. ईडी द्वारा भेजे जा रहे समन्स को रद्द करने की मांग की थी और संभावित गिरफ्तारी रोकने की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने अनिल देशमुख की याचिका की सारी मांगें ठुकरा दी. कोर्ट ने कहा कि कानूनी प्रावधानों में रह कर ही कानूनी उपाय किए जा सकते हैं. प्री अरेस्ट बेल के लिए वे मुंबई के स्थानीय न्यायालय में अपील करें. इस बारे में स्थानीय अदालत ही फैसले लेती है. सुप्रीम कोर्ट इसमें उनकी कोई मदद नहीं कर सकता.
इससे पहले ईडी ने की है देशमुख के ठिकानों पर छापेमारी और करोड़ों की संपत्ति जब्त
इससे पहले ईडी ने अनिल देशमुख के कई ठिकानों पर छापेमारी कर 4.20 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. ईडी ने दावा किया था कि अनिल देशमुख ने बार मालिकों से पुलिस अधिकारी सचिन वाजे द्वारा 4.70 करोड़ रुपए की वसूली करवाई. सचिन वाजे ने यह रकम उन्हें दी. इस रकम को अनिल देशमुख ने अपने बिजनेस में इंवेस्ट किया.
याद दिला दें कि मुंबई के पूर्व कमिश्नर ने अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि वे गृहमंत्री के पद पर रहते हुए मुंबई के पुलिस अधिकारियों का इस्तेमाल होटल और रेस्टॉरेंट मालिकों से 100 करोड़ की वसूली के लिए कर रहे थे. इसके बाद सीबीाई ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया था.