नागपुर से मायानगरी मुंबई को जोड़ने वाले देश के अबतक के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे का काम जोरों पर है। इस हाई-वे दिसंबर 2022 में शुरू हो जाएगा।
फिर मुंबई से नागपुर जाना बेहद आसान ही नहीं बल्कि समय और धन दोनों की बचत करने वाला होगा। इसके शुरू होने से महाराष्ट्र के 3 बड़े प्रांत विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र का सही मायनों में विकास होगा।
महाराष्ट्र का अबतक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट हिंदू हृदय सम्राट बालासाहब ठाकरे को समर्पित है। बालासाहब ठाकरे समृद्धि एक्सप्रेस-वे का निर्माण 55 हजार करोड़ की लागत से हो रहा है। ये एक्सप्रेस-वे देश का अबतक का सबसे बड़ा 701 किलोमीटर वाला एक्सप्रेस वे होगा जो महाराष्ट्र के 10 जिले, 26 तहसील और 392 गांव को जोड़ेगा। 6 लेन के इस हाईवे में आने के लिए 3 लेन और जाने के लिए 3 लेन बनाई गयी है जिसमें एक लेन 3.75 मीटर की होगी।
एमएसआरडीसी के ज्वाइंट एमडी अनिल कुमार गायकवाड ने बताया कि समृद्धि एक्सप्रेस-वे की कुल लागत 55 हजार करोड़ रुपये आएगी जिसमे 34 हजार करोड़ निर्माण कार्य में लगेंगे। 7500 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण में खर्च हो चुके हैं जिसके जरिये अबतक 8 हजार 800 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित किया जा चुका है। इस एक्सप्रेस-वे को कुल 16 पैकेज में बनाया जा रहा है। इन 16 कामों के लिये कुल 13 कंपनियां नियुक्त की गयी हैं। 1 से 13 पैकेज में 79% फिजिकल प्रोग्रेस हो चुका है। दिसंबर 2021 तक 13 पैकेज का काम 100% पूरा हो जाएगा। 14 से 16 पैकेज का काम भी प्रगति पर है। 14 से 16 पैकेज का काम कठनाई वाला है। यह इगतपुरी से थाने 80 किलोमीटर का काम है जिसमे 7.8 किलोमीटर के 2 टनल और आगे 4 टनल हैं। 20 किलोमीटर के बिज हैं। इस एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन दिसंबर 2022 में होगा।
इस एक्सप्रेस-वे पर 120 किमी प्रति घंटे होगी रफ्तार:
एमएसआरडीसी मंत्री एकनाथ शिंदे ने News24 को बताया कि इस एक्सप्रेस-वे पर 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हो सकती है, लेकिन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की इजाजत होगी। यह एक्सप्रेस-वे 49.40% गवर्मेंट इक्विटी, 50.40% बैंक लोन के जरिये बनाया जा रहा है। देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे पर टोल कितना होगा यह सवाल सभी के जेहन में होगा। सरकार का दावा है कि कार को प्रति किलोमीटर 1 रुपया 65 पैसे टोल देना होगा याने नागपुर से मुंबई के सफर के लिए 1150 रुपये टोल देना होगा। 701 किलोमीटर के इस एक्सप्रेस वे में 14 रिस्पॉन्स विएकल हर 50 किलोमीटर पर और 7 रिस्पॉन्स विएकल तैनात रहेंगे जो आपदा की स्थिति में कार्यरत रहेंगे। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इस हाईवे पर 11 लाख 31 हजार पेड़ लगाए जाएंगे।