मुंबई में गणेश उत्सव और विसर्जन के लिए नई नियमावली जारी की गई है. इस संबंध में मुंबई महापालिका (BMC) और गणेश मंडलों के बीच सोमवार को एक अहम बैठक खत्म हुई. इस बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार गणेश भक्त सार्वजनिक रूप से उत्सव मनाते हुए भीड़ लेकर जुलूस की शक्ल में विसर्जन स्थल तक नहीं जा सकेंगे.
लेकिन बड़े सार्वजनिक गणेश मंडलों को समुद्र तट और चौपाटी पर गणेश मूर्ति के विसर्जन की अनुमति दी गई है.
महानगरपालिका और गणेशोत्सव समन्वय समिति की बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में यह तय हुआ कि गणेशोत्सव मंडल 4 फुट की मूर्तियां लाएंगे. कोरोना के नियमों का पालन करेंगे. सादगी से उत्सव मनाएंगे. विसर्जन स्थल तक पहुंचने के लिए जुलूस के रूप में जाने पर पाबंदी लगाई गई है. लेकिन चौपाटी पर जाकर विसर्जन करने में पाबंदी नहीं है. बड़े सार्वजनिक गणेश मंडल चौपाटी पर जाकर गणपति विसर्जन कर सकेंगे. लेकिन विसर्जन के लिए सिर्फ 10 कार्यकर्ताओं को अनुमति दी गई है. यानी भीड़ नहीं बढ़ाई जाएगी, जुलूस नहीं निकाले जाएंगे. गणेश उत्सव को लेकर इस बैठक में क्या निर्णय होने वाला है, इस पर सबकी नजरें लगी हुई थीं
ये हैं विसर्जन के नियम
आगामी गणेशोत्सव और विसर्जन के लिए मुंबई महानगरपालिका और गणेशोत्सव समन्वय समिति की बैठक में पिछले साल के नियमों को ही कायम रखा गया है. इन नियमों के अनुसार सार्वजनिक गणेशोत्सव की मूर्तियों की ऊंचाई 4 फुट होगी जबकि घरेलु गणपति की मूर्तियां 2 फुट की होंगी. भीड़ ना बढ़े, इसका ध्यान गणेश मंडलों को रखना होगा. 84 प्राकृतिक गणेश विसर्जन के ठिकाने तैयार किए गए हैं. विसर्जन के लिए तय ठिकानों में पालिका को मूर्ति देनी होगी. इसके बाद महापालिका गणेश विसर्जन करेगी. सार्वजनिक मूर्ति विसर्जन के लिए एक मंडल से दस कार्यकर्ताओं को अनुमति है. छोटे बच्चों और बुजुर्गों को विसर्जन स्थल पर नहीं आने की अपील है. ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था करवाई जाए. सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बजाए स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए. आरती, भजन, कीर्तन के दौरान होेने वाली भीड़ टाली जाए. भक्त भी भीड़ बढ़ाने की बजाए ऑनलाइन दर्शन करें. गणपति मंडल में सैनिटाइजिंग और थर्मल स्क्रिनिंग की पूरी व्यवस्था की जाए.