राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल इकबाल मिर्ची मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय पहुंचे।
पटेल कहा, ‘इकबाल मिर्ची मामले से संबंधित कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मैं ईडी कार्यालय आया था।’ अंडरवर्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम के सहयोगी मिर्ची की संलिप्तता वाले मनी लांड्रिंग की जांच में ईडी प्रफुल्ल पटेल से कई बार पूछताछ कर चुकी है। ईडी ने मिर्ची की पत्नी एवं अन्य के खिलाफ सितंबर 2019 में मनी लांड्रिंग मामला दर्ज किया था। मुंबई के प्राइम लोकेशन में सीजाय हाउस, साहिल बंगला, राबिआ मैन्सन, मरियम लाज और सी व्यू संपत्तियां खरीदने के लिए मिर्ची, उसके परिवार के सदस्यों व अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था।
सीजाय हाउस वर्ली में और अरुण चैंबर तारादेव इलाके में स्थित है। इनकी कीमत 76 करोड़ रुपये है। लोनावला में पांच एकड़ जमीन समेत अन्य संपत्तियां 500 करोड़ रुपये की हैं। ईडी ने कपिल वधावन, धीरज वधावन और हुमायूं मर्चेट समेत कई आरोपितों को इस मामले में गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने विशेष पीएमएलए कोर्ट में दिसंबर 2019 में आरोपपत्र दाखिल किया था। अभी तक मिर्ची और उसके परिवार के सदस्यों की भारत एवं विदेश में 798 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
गौरतलब है कि फरवरी, 2021 में एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को गैंगस्टर इकबाल मिर्ची के परिवार के तीन सदस्यों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। जिन्हें आरोपित किया गया है उनमें मिर्ची की पत्नी हाजरा मेमन और दो बेटे जुनैद मेमन व आसिफ मेमन शामिल हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एए नंदगांवकर की अदालत ने तीनों को भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए), 2018 की धारा-12 के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया। एक अधिकारी ने बताया, ‘अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद भारत और विदेश में उनकी संपत्तियों को जब्त करने का निर्देश भी दिया।