राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत सोमवार को मुंबई के एक पंचसितारा होटल में मुस्लिम समुदाय के विद्वानों के साथ मुलाकात करेंगे। संघ के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है।
भागवत ने जुलाई में गाजियाबाद में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के एक सम्मेलन में शिरकत की थी। इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि हिंदू-मुस्लिम एकता की अवधारणा को गलत तरीके से पेश किया गया है, क्योंकि उनमें कोई अंतर ही नहीं है।
यह बात सिद्ध हो चुकी है कि हम दोनों ही समुदाय 40 हजार साल साल पुराने एक ही पूर्वजों की संतान हैं। भारत के लोगों का समान डीएनए है।
संघ प्रमुख के मुस्लिम विद्वानों से मुलाकात करने की जानकारी संघ के तीन दिवसीय समन्वय सम्मेलन के दौरान सामने आई। नागपुर में संघ मुख्यालय में 3 सितंबर से चल रहे इस सम्मेलन का रविवार को समापन हुआ।
इस बार सम्मेलन का मुख्य एजेंडा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में होने वाले आगामी चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा करना था। संघ प्रमुख की मुस्लिम विद्वानों से मुलाकात को भी इसी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
संघ ने बनाई इंफोसिस पर पांचजन्य में छपे लेख से दूरी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने रविवार को अपना मुखपत्र कहे जानी वाले साप्ताहिक पांचजन्य में प्रमुख भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के खिलाफ छपे लेख से दूरी बना ली।
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेडकर ने एक ट्वीट में कहा, पांचजन्य आरएसएस का मुखपत्र नहीं है और उसमें प्रकाशित लेख को संघ से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
पांचजन्य ने इंफोसिस की तरफ से तैयार आयकर और जीएसटी पोर्टलों में आ रही दिक्कतों को राष्ट्रविरोधी तत्वों के इशारे पर भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की साजिश से जोड़ा था।
सुनील ने ट्वीट में कहा, भारतीय कंपनी के तौर पर इंफोसिस ने देश की तरक्की में बेहद योगदान दिया है। इंफोसिस की तरफ से चलाए जा रहे पोर्टल में कुछ मुद्दे हो सकते हैं, लेकिन इसे लेकर पांचजन्य में प्रकाशित लेख केवल लेख की अपनी व्यक्तिगत राय को दर्शाता है।