जब बाइडन ने कहा, काश लंबी चलती पीएफ मोदी के साथ यह मुलाकात

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की पहली शिखर बैठक में ही दोनों नेताओं के बीच जबरदस्त केमिस्ट्री बनने के संकेत मिले हैं।

इनके बीच की केमिस्ट्री का पता इस बात से चलता है कि पहले दोनों पक्षों की तरफ से मोदी-बाइडन शिखर बैठक के लिए एक घंटे का समय तय किया गया था, लेकिन वार्ता में दोनों नेता इस कदर मशरूफ थे कि निश्चित समय के बाद भी अधिकारियों ने उन्हें नहीं टोका। डेढ़ घंटे बाद यह बैठक खत्म हुई, लेकिन तब बाइडन ने यह कहा कि इस तरह का सम्मेलन दो दिनों की होनी चाहिए। बाद में विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति का प्रस्ताव है कि भारत-अमेरिका के बीच दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित होनी चाहिए।

अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रस्ताव का कितना पालन होगा यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं की पहली शिखर बैठक काफी गर्मजोशी भरी रही। दोनों नेताओं की तरफ से एक-दूसरे से पहले की मुलाकात को याद किया गया। सनद रहे कि बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब अमेरिका की पहली यात्रा की थी, तब बाइडन उपराष्ट्रपति थे और उन्होंने मोदी की आगवानी में रात्रिभोज दिया था।

सूत्रों का कहना है कि भारत और अमेरिका के बीच के कई मुद्दों पर मोदी और बाइडन के बीच वहां से बात शुरू हुई, जहां मोदी और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच छोड़ी गई थी। इसमें आतंकवाद के खिलाफ आपसी सहयोग को बढ़ाना भी शामिल है। हिंद प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर भी बाइडन का रुख पूरी तरह से पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के रुख को ही आगे बढ़ाना वाला रहा है।

बताते चलें कि मोदी की यह उनके सात साल से ज्यादा के कार्यकाल में अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति से शिखर वार्ता थी। इसके पहले वह पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ दो बार, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ तीन बार शिखर वार्ता कर चुके हैं।

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