महाराष्ट्र की सियासत में एक दूसरे के धुर विरोधी माने जाने वाले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे जल्द ही एक मंच पर आएंगे। महाराष्ट्र के कोंकण इलाके के चिपी एयरपोर्ट के उद्घाटन के मौके पर यह नजारा देखने को मिलेगा। आगामी 9 अक्टूबर को इस एयरपोर्ट का औपचारिक उद्घाटन किया जाएगा।
कुछ दिनों पहले नारायण राणे ने कहा था की चिपी एयरपोर्ट के उद्घाटन पर मुख्यमंत्री को आना ही चाहिए, ऐसा जरूरी नहीं है। अब उसी एयरपोर्ट का उद्घाटन मुख्यमंत्री के हाथों किया जाने वाला है। ऐसे में एक-दूसरे को फूटी आंख भी पसंद ना करने वाले इन दोनों नेताओं को एक मंच पर देखने के लिए लोगों की निगाहें अभी से लगी हुई हैं।
तीसरे नंबर पर राणे का नाम
कार्यक्रम के लिए बनाई गई बुकलेट के मुताबिक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हाथों एयरपोर्ट का उद्घाटन किया जाना है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, उप मुख्यमंत्री अजीत पवार, और उद्योग मंत्री सुभाष देसाई, की प्रमुख उपस्थिति रहेगी। इस पत्रिका में सबसे ऊपर उद्धव ठाकरे का नाम है उसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम है। उसके बाद तीसरे नंबर पर है नारायण राणे का नाम। उद्धव ठाकरे के हाथों एयरपोर्ट का उद्घाटन, राणे के लिए किसी सदमे से कम नहीं है।
क्या है दुश्मनी की वजह
मौजूदा बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने अपने जीवन के 39 साल बालासाहेब ठाकरे की पार्टी शिवसेना को दिए हैं। राणे आज भी बाला साहेब की इज्जत करते हैं और उन्हें अपना गुरु मानते हैं। हालांकि नारायण राणे का शिवसेना में उद्धव ठाकरे से तालमेल नहीं बन पाया। उद्धव के साथ बढ़ती कटुता और पार्टी में अपने घटते कद को देखते हुए राणे ने शिवसेना से किनारा कर कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। आज भी राणे को लगता है कि उद्धव ठाकरे के वजह से उन्हें शिवसेना छोड़नी पड़ी थी।