ISI चीफ की नियुक्ति को लेकर इमरान खान और आर्मी चीफ में अनबन? बयान से पलटे मंत्री, बोले- प्रक्रिया जारी है

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पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी यानी आईएसआई के नए प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम की नियुक्ति पाकिस्तान सरकार के गले की फांस बन गई है। कल तक इमरान सरकार के जो मंत्री नियम-कानूनों का हवाला देकर यह कह रहे थे कि नए आईएसआई चीफ को नियुक्त करने का अधिकार पीएम के पास है, वो अब अपनी बात से पलट गए हैं। 

दरअसल यह सारा विवाद तब सामने आया जब नए ISI चीफ को नियुक्त किये जाने को लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच अनबन की खबरें मीडिया में उजागर हो गईं। यह बात भी सामने आई कि नए चीफ की नियुक्ति को लेकर इमरान खान के कार्यालय की तरफ से नोटिफिकेशन भी जारी नहीं हुआ है। 

मंगलवार को सेना प्रमुख और प्रधानमंत्री के बीच तल्ख हुए रिश्तों की बात को छिपाते हुए कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इमरान के मंत्री फवाद चौधरी ने कहा था कि आईएसआई चीफ की नियुक्ति का हक प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से होता है। जल्द ही पीएम कार्यालय से इस संबंध में आदेश भी जारी किया जाएगा। लेकिन बुधवार को फवाद चौधरी अपने एक दिन पहले के बयान से पलट गए। 

सरकार की तरफ से बुधवार को कहा गया कि खुफिया एजेंसी आईएसआई के नए प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। एक बार फिर से फवाद चौधरी ही मीडिया के सामने आए। उन्होंने अपने बयान से पलटी मारते हुए कि आईएसआई के नए चीफ की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री और आर्मी चीफ के बीच आपसी मशवरा की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और ताजा नियुक्ति की प्रक्रिया प्रॉसेस में है। 

जब पाकिस्तानी मीडिया ‘डॉन’ ने उनसे पूछा कि उन्होंने पहले कहा था कि आईसएआई चीफ की नियुक्ति का आधिकार कानून के मुताबिक पीएम के पास है…इसपर पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘मीडिया ने भ्रम फैलाया था, खासकर सोशल मीडिया ने उनपर दवाब बनाया था कि वो इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दें। मैं इसपर अब आगे टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं।’

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