कश्मीर में दुबई सरकार का निवेश करना भारत की इमरान सरकार पर बड़ी जीतः पाक के पूर्व राजदूत

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भारत में पाकिस्तान के राजदूत रहे अब्दुल बासित ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का दुबई सरकार के साथ आर्थिक समझौता पाकिस्तान की इमरान खान सरकार की विदेश नीति के लिए बड़ा झटका है। इससे साबित होता है कि पूरी जमीन पाकिस्तान ने भारत को दे दी है।  

बीते सोमवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और दुबई सरकार के बीच श्रीनगर के राजभवन में एक आर्थिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। जिसमें जम्मू कश्मीर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और उद्योगों को बढ़ाने के लिए एक समझौता किया गया था। यह एमओयू भारत के लिए एक बड़ी सफलता है। 

अपने यूट्यूब ब्लॉग में भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि पाकिस्तान और जम्मू और कश्मीर दोनों के संदर्भ में ओआईसी (इस्लामिक सहयोग संगठन) के सदस्यों ने हमेशा कश्मीर पर पाकिस्तान की संवेदनाओं को सबसे आगे रखा है। प्रधान मंत्री इमरान खान की विदेश नीति की आलोचना करते हुए बासित ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि पाक सरकार इस मामले में फेल साबित हुई है।

2014 से 2017 तक भारत में पाक के राजदूत रहे बासित ने कहा, ”पाकिस्तान को लगता है कि कश्मीर मुद्दे पर वह अन्य मुस्लिम राष्ट्रो और आईओसी से आगे है। ये हो सकता है कि वे बहुत मुखर नहीं रहे हों, लेकिन उन्होंने कश्मीर पर हमारी भावनाओं के खिलाफ काम नहीं किया है।” उन्होंने कहा, “समाधान खोजने के प्रयास होने चाहिए। लेकिन क्या यह स्वीकार्य है कि सब कुछ एकतरफा है और जमीन(कश्मीर) भारत को सौंप दी गई है। अब स्थिति यह है कि मुस्लिम राष्ट्र भारत के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर रहे हैं।” 

इससे पहले सोमवार को दुबई सरकार से जम्मू कश्मीर प्रशासन के आर्थिक समझौते पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि ये समझौता विश्व के सामने एक नजीर बनेगा। इस समझौते से कश्मीर की सूरत बदलेगी। उन्होंने ये भी कहा था कि दुबई सरकार के साथ हुआ ये समझौता तो उदाहरण है, इसके बाद दुनिया भर के लोग कश्मीर को जानेंगे और यहां निवेश के लिए आगे आएंगे

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