स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस दौरान देशमुख ने कोर्ट से गुहार लगाई कि उन्हें जेल में घर का भोजन मंगाने और सोने के लिए बेड की अनुमति दी जाए। इस पर कोर्ट ने जेल प्रशासन को देशमुख को बेड उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। हालांकि घर का खाना मंगाने की अर्जी पर फैसला लंबित है। कोर्ट ने देशमुख से कहा कि अगर जेल के भोजन से उन्हें कोई शिकायत होगी, तो वह भोजन के बारे में कोर्ट से संपर्क कर सकते हैं।
जांच एजेंसी ने सोमवार को हिरासत अवधि समाप्त होने से पहले देशमुख की मेडिकल जांच कराई। इसके बाद, देशमुख को स्पेशल कोर्ट के जज एच.एस. सतभाई के समक्ष पेश किया गया। इस दौरान, जांच एजेंसी की ओर से हिरासत की मांग नहीं की गई। स्पेशल कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उनके वकील अनिकेत निकम और इंदरपाल सिंह ने कोर्ट में अर्जी लगाई और अनुरोध किया कि देशमुख की उम्र और चिकित्सा संबंधी जरूरतों को देखते हुए उन्हें घर के भोजन और दवाओं की अनुमति दी जाए।
साथ ही, स्वास्थ्य का हवाला देते हए देशमुख के वकीलों ने कोर्ट से जेल में बिस्तर उपलब्ध कराए जाने का भी अनुरोध किया। वकीलों ने कहा कि देशमुख की पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द है और वह फर्श पर नहीं सो पाएंगे। इस पर कोर्ट ने जेल अधिकारियों को बिस्तर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। वह डॉक्टर की ओर से बताई गई दवाएं ले सकते हैं।
ईडी की हिरासत में बीती दिवाली
मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह की ओर से 100 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार और कदाचार के मामले में सीबीआई ने बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देश पर जांच कर मामला दर्ज किया है। इसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी जांच कर रही है। ईडी की ओर से कई समन भेजे गए थे, लेकिन देशमुख ने अपने सभी कानूनी उपाय कर लिए। आखिरकार वह 1 नवंबर को ईडी के कार्यालय में पेश हुए। इसके बाद जांच अधिकारियों ने 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद देशमुख को गिरफ्तार कर लिया था। इसके चलते देशमुख की दिवाली ईडी की हिरासत में बीती। इस मामले में ईडी देशमुख और पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करना चाहती थी, लेकिन वाझे की ईडी हिरासत नहीं मिलने की वजह से अधिकारी ऐसा नहीं कर पाए।