ताइवान और चीन के बीच तनाव गहराते जा रहे हैं। ताइवान रक्षा मंत्रालय का दावा है कि चीन के दो परमाणु बम गिराने वाले विमानों ने रविवार को दक्षिण में उड़ान भरी। उधर, लिथुआनिया की ओर से ताइवान को अपने देश में दफ्तर खोलने की इजाजत देने से चीन तिलमिला गया है। चीन ने रविवार को बड़ा फैसला लेते हुए लिथुआनिया से अपने राजनैतिक संबंध राजदूत स्तर से नीचे कर दिए।
चीन और ताइवान के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अपना अभिन्न हिस्सा बताते हुए चीन ताइवान को मिलाने की कोशिश में है। हालांकि ताइवान खुद को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर चुका है। रविवार को ताइवान रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि दो H-6s ने बाशी चैनल में उड़ान भरी। ये दोनों परमाणु बम गिराने वाले चीन के घातक विमान हैं। इससे पहले भी चीन कई दफे शक्ति प्रदर्शन और ताइवान को डराने की नीयत से लड़ाकू विमान ताइवान के आसमान पर उड़ा चुका है।
ताइवान के चलते लिथुआनिया के साथ चीन ने फेरा मुंह
चीन ने लिथुआनिया के साथ अपने राजनयिक संबंधों रविवार को राजदूत स्तर से नीचे कर दिए। ताइवान को अपने क्षेत्र में दफ्तर खोलने की इजाजत देने के बाद चीन ने ये कदम उठाया है। इससे पहले चीन ने ताइवान की स्थिति पर अपनी गहन संवेदनशीलता को दर्शाते हुए लिथुआनियाई राजदूत को निष्कासित कर दिया था और अपने राजदूत को वापस बुला लिया था।
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दूतावास के दूसरे नंबर के अधिकारी स्तर तक संबंधों को कम किया जाएगा। लिथुआनिया का यह कदम ताइवान के साथ संबंधों को बढ़ाने में सरकारों के बीच उसके बढ़ते हितों को दिखाता है। ताइवान ऐसे समय में व्यापार और उच्च तकनीक वाले उद्योग का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है जब बीजिंग ने अपनी आक्रामक विदेश और सैन्य नीति के साथ अपने पड़ोसियों और पश्चिमी सरकारों को परेशानी में डाल दिया है।