Satyamev Jayate 2 जॉन अब्राहम मिलकर देंगे ‘सिरदर्द’, दिव्या खोसला कुमार का एक्सप्रेशनलेस चेहरा करेगा ‘निशब्द’

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जॉन अब्राहम की ‘सत्यमेव जयते’ ने बॉक्स ऑफिस पर खूब कमाई की थी। फिल्म के दमदार डायलॉग और खतरनाक एक्शन सीन को लोगों ने खूब पसंद किया था। जब जॉन ने इस फिल्म के दूसरे पार्ट की घोषणा की थी तो दर्शकों की खुशी का कोई भी ठिकाना नहीं था। सिनेमाघरों में आज ‘सत्यमेव जयते 2’ रिलीज हो चुकी है। अगर आप वीकेंड पर इस फिल्म को देखने की प्लानिंग कर रहे हैं तो उससे पहले एक नजर मार लीजिए कि ‘सत्यमेव जयते 2’ वाकई में कैसी है? 

क्या है कहानी 

फिल्म की कहानी दादासाहेब बलराम आजाद (जॉन अब्राहम) के दो बेटों सत्या आजाद और जय के इर्द गिर्द बुनी गई है। सत्या गृहमंत्री है और वो एंटी करप्शन बिल को पास करवाना चाहता है, लेकिन सदन में अपनी ही पार्टी के लोग चंद पैसों के खातिर उससे बगावत कर बैठते हैं। सत्या की बीवी विद्या (दिव्या कुमार खोसला) विपक्ष पार्टी में शामिल है और वो उसके हर काम में रोड़ा ही डालती है। तमाम मुद्दों के बीच शहर में कई हत्याएं हो रही हैं, जिसकी जांच-पड़ताल की जिम्मेदारी जय को मिलती है जोकि एसीपी है। इन चीजों के बीच सत्या, जय और विद्या की जिंदगी में कई भूचाल आते हैं। ये शोर कब थमेगा और इस बीच किन-किन लोगों की खुशियों की बलि चढ़ेगी? फिल्म में यही दिखाया गया है। 

क्या कुछ है खास 

फिल्म के हर सीन में देशभक्ति कूट-कूटकर भरी हुई है। देशभक्ति से ओतप्रोत फिल्में पसंद हैं तो ‘सत्यमेव जयते 2’ आपके लिए ही बनी है। लहंगा और कुसु-कुसु गाना बड़े पर्दे पर देखकर आप झूमने के लिए मजबूर हो जाएंगे। जॉन को हमेशा से ही एक्शन फिल्मों में देखना पसंद करते हैं तो आपको किसी भी बात का अफसोस नहीं होगा। 

कैसा है निर्देशन और एक्टिंग 

मिलाप जावेरी ने इस फिल्म के जरिए कई ऐसे मुद्दों को उठाने की कोशिश की है जोकि हम रोजमर्रा की जिंदगी में देख रहे हैं। फिल्म में लोकपाल बिल, निर्भया केस, किसानों के आत्महत्या जैसे मुद्दों की बात कही गई है। इन चीजों को पर्दे पर दिखाने के लिए मिलाप ने काफी कोशिश की है, लेकिन वो कहते हैं ना कि अति किसी भी चीज की बुरी ही होती है। हर चीज को डालने के चक्कर में मिलाप ने खुद ही स्क्रिप्ट का कबाड़ा कर दिया है। सत्यमेव जयते 2 में मिलाप ने हर वो मसाला डाला है, जो आज से 7-8 साल पुरानी फिल्मों में देखने को मिलता था। फिल्म में कुछ डायलॉग तो ऐसे हैं जिसे सुनते ही आप अपना सिर पकड़ लेंगे। बात की जाए एक्टिंग की तो जॉन कुछ सीन में बेहतरीन लगे हैं। दूसरी ओर दिव्या जब-जब पर्दे पर आई हैं उनकी ओवरएक्टिंग ही नजर आई है। बिना एक्सप्रेशन के लोग डायलॉग कैसे बोलते हैं, ये आप दिव्या की एक्टिंग को देखकर समझ जाएंगे। बाकी हर्ष छाया और साहिल वैद्य को फिल्म में छोटे सीन ही मिले हैं, लेकिन उतने में ही दोनों ने अच्छा काम किया है। 

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