चर्चित मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में अदालत ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि शिवराज रामदास हरिजन नाम के पेडलर ने आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट को ड्रग्स सप्लाई किया। बताया जा रहा है कि अदालत में जांच एजेंसी इन आरोपों के संबंध में जरुरी सबूत दिखा पाने में नाकाम रही जिसके बाद अदालत ने एनसीबी के इन दावों को नकार दिया है। नारोटिक ड्रग्स और एनडीपीएस एक्ट से संबंधित एक विशेष अदालत में जज डब्ल्यू पाटिल ने गौर किया कि…अभियोजन पक्ष इस संबंध में कुछ भी ठोस सबूत दिखा पाने में नाकाम रहा।
एनसीबी ने दावा किया था कि आरोपी शिवराज रामदास हरिजन अभिनेता अरबाज मर्चेंट को ड्रग्स सप्लाई किया करता था। अदालत ने गौर किया कि प्रथम-दृष्टया ऐसा कोई भी सबूत नहीं है जो यह दिखाता हो कि एप्लिकेंट प्रतिबंधित ड्रग्स का सप्लायर है। इसलिए अभियोजन पक्ष की इस दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता कि हरिजन एक पेडलर है और उसने मर्चेंट को ड्रग्स सप्लाई किया था।
अभियोजन पक्ष ने खुद बताया था कि जब हरिजन को गिरफ्तार किया गया था तब एनसीबी को उसके पास से सिर्फ 62 ग्राम चरस मिला था जो कि नॉन-कमर्शियल क्वान्टिंटी है। हरिजन को बेल देते वक्त जज पाटिल ने इस बात भी गौर किया कि एनसीबी के कागजात में कहा गया है कि हरिजन, मर्चेंट और अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के लिए ड्रग्स सप्लाई करता था।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक हरिजन एक ड्रग पेडलर था। यहां तक कि जब मर्चेंट का बयान दर्ज किया गया था तब एनसीबी के अधिकारियों से मर्चेंट ने कहा था कि हरिजन ने ही उन्हें ड्रग्स सप्लाई किया था। जज पाटिल ने यह भी गौर किया कि हरिजन स्थाई तौर से मुंबई का रहने वाला था और उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अदालत ने हरिजन को जमानत दे दी। बता दें कि इस केस में जमानत पाने वाले हरिजन 16वें शख्स हैं।