केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना से प्रभावित क्षेत्रों की मदद के लिए 1.1 लाख करोड़ के क्रेडिट गारंटी योजना का ऐलान किया है। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 50,000 करोड़ रखे गए हैं।
पैकेज के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि खास तौर पर स्वास्थ्य क्षेत्र को राहत देने के लिए 8 उपाय किए जा रहे हैं। कोरोना से प्रभावित क्षेत्रों को राहत पहुंचाने के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये की लोन गारंटी योजना शुरू की जा रही है।
क्रेडिट गारंटी योजना केंद्र सरकार की नई योजना है इसके तहत 25 लाख लोग लाभान्वित होंगे। क्रेडिट योजना के तहत 25 लाख छोटे कारोबारियों को 1.25 लाख रुपये कर्ज दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा ध्यान पुराने की लोन की वसूली के बजाय नया लोन देने पर है।
क्रेडिट गारंटी योजना के तहत दिए जाने वाले लोन पर आरबीआई की दर से 2 प्रतिशत कम ब्याज लिया जाएगा। यह लोन 3 साल के लिए दिया जाएगा। नई क्रेडिट गारंटी योजना को छोटे शहरों समेत देश के अंदरूनी हिस्से के छोटे से छोटे कर्जदारों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
ईसीएलजीएस बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) 3 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दी जाएगी। ईसीएलजीएस को पिछले साल मझले उद्योगों के लिए लांच किया गया था।
इसके साथ ही आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को 30 जून 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक कर दिया गया है। पिछले साल मई में शुरू की गई इस योजना से 80,000 संस्थानों से जुड़े 21.4 लाख लोग लाभ पा चुके हैं।
गरीबों को मुफ्त राशन वितरण पर इस वर्ष 93,869 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर कुल 2,27,841 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 50,000 करोड़
स्वास्थ्य क्षेत्र के सुधार के लिए 50,000 करोड़ रुपये का अलग बजट रखा गया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि क्रेडिट गारंटी योजना के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए 23,220 करोड़ रुपए रखे गए हैं। इसमें विशेष फोकस बच्चों पर बाल चिकित्सा पर खर्च करने पर होगा। इसमें मेडिकल ढांचे को मजबूत करने और मेडिकल छात्रों, नर्सों को शामिल करने के लिए मानव संसाधन वृद्धि भी शामिल होगी। यह राशि इसी वित्त वर्ष में खर्च की जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कोरोना के चलते बुरी तरह कराह रहे टूरिज्म सेक्टर को उबारने के लिए लोन गारंटी योजना से पर्यटन मंत्रालय और राज्य सरकारों द्वारा मान्यता प्राप्त 10,700 स्थानीय स्तर के टूरिस्ट गाइड, यात्रा एवं पर्यटन हितधारकों को मदद दी जाएगी।
वित्त मंत्री ने बताया कि एक बार जब अंतरराष्ट्रीय यात्रा शुरू हो जाएगी तो भारत आने वाले पहले 5 लाख पर्यटकों को कोई वीजा शुल्क नहीं देना होगा। यह योजना 31 मार्च 2022 तक रहेगी या फिर पहले 5 लाख वीजा आवेदन के बाद इसे बंद कर दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि एक पर्यटक इस योजना का सिर्फ एक बार ही लाभ ले सकेगा।
Edited By : Rahanur Amin Lashkar