28 सितंबर 2022 को कोर्ट का एक आदेश पब्लिश हुआ था जिसमें दिवंगत अभिनेत्री जिया खान की मां राबिया खान ज्यूडिशियल मशीनरी का दुरुपयोग करने के लिए आलोचना की गई थी. इस आदेश में कहा गया था कि राबिया खान अलग-अलग कोर्ट में बार-बार एप्लीकेशन फाइल करके मुकदमे को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं.
इस तथ्य के बावजूद कि सीबीआई ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत किया था जिसमें ये पुष्टि की गई थी कि जिया खान की मौत आत्महत्या से हुई न कि हत्या से. राबिया ने हत्या का आरोप लगाया था. अब जरीना वहाब ने अपने बेटे सूरज पंचोली का बचाव किया है.
जरीना वहाब ने बताया सूरज पंचोली को निर्दोष
जिया खान मामले में राबिया खान के आवेदनों की आलोचना करने वाले कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए जरीना वहाब ने कहा कि, मामले में 9 साल से देरी हो रही है. राबिया भारत में नहीं हैं. हमारी सहानुभूति उनके साथ है कि उन्होंने अपनी बेटी को खो दिया, लेकिन ये तरीका नहीं है. वो बच्चों के साथ क्या कर रही है. हमें आखिरकार भगवान का सामना करना पड़ता है. उन्हें समझना चाहिए. कभी-कभी लोग अपनी गलतियों को छिपाने के लिए किसी और को दोष देने की कोशिश करते हैं. ये 9 साल पहले हो सकता था. वो जानबूझकर फैसले में देरी कर रही हैं.
10 साल से झेल रहा हूं ये झूठे आरोप-सूरज पंचोली
कोर्ट के आदेश के बारे में बात करते हुए, सूरज पंचोली ने कहा कि, “मैं पिछले 10 वर्षों से इस मामले और मेरे खिलाफ इन झूठे आरोपों से जूझ रहा हूं, और इसने मुझे एक इंसान के तौर पर गहराई से प्रभावित किया है. इन वर्षों में मैं क्या कर रहा हूं, वो केवल मुझे पता है. मेरे मन में बहुत सम्मान है और मैंने हमेशा जिया के परिवार के प्रति अपनी गरिमा बनाए रखी है. मैं विनती करता हूं कि उसके परिवार और मैं दोनों की निष्पक्ष सुनवाई हो और मैं प्रार्थना करता हूं कि ये जल्द ही खत्म हो.
कोर्ट के फैसले के वक्त राबिया रहती हैं भारत से बाहर- जरीना
जरीना वहाब से पूछा गया कि जिया खान की मां का उनसे क्या कहना है? इस पर जरीना ने कहा कि, मैं क्या कह सकती हूं? हमारी संवेदनाएं उसके साथ हैं. वो सच्चाई जानती हैं. उन्हें इससे बाहर आना चाहिए और एक मासूम बच्चे को सजा नहीं देनी चाहिए. वो शुरू से जानती है कि इसमें सूरज की कोई गलती नहीं है. इसके बावजूद वो ये सब कर रही हैं. भगवान उन्हें और हमें भी शक्ति प्रदान करें. उन्होंने अपनी बेटी को खो दिया और हमें इसके लिए बहुत बुरा लग रहा है. अगर मेरे साथ भी ऐसा कुछ होता तो मुझे भी बुरा लगता. लेकिन इंसान को पता होना चाहिए कि क्या सही है और क्या गलत. सब कुछ क्लियर है. जब भी कोर्ट का फैसला सुनाने की बात आती है, राबिया उस समय भारत में नहीं होती हैं.
सूरज को विलेन जैसा बनाना सही नहीं- जरीना
हर कोई कुछ न कुछ सही या गलत करता है. लेकिन एक मासूम लड़के को लोगों की नजर में विलेन जैसा बनाना सही नहीं है. सूरज को अच्छा काम मिलेगा अगर उसकी किस्मत में है, लेकिन किसी के निर्दोष होने पर दोषी कहने का ये तरीका नहीं है.
कोर्ट के हालिया आदेश के बाद सूरज कैसा महसूस कर रहे हैं? इस सवाल के जवाब में जरीना वहाब ने कहा कि, उसे कैसा लगेगा? वो उम्मीद कर रहा है क्योंकि वो बिल्कुल भी दोषी नहीं है. ये बात इंडस्ट्री में हर कोई जानता है. ईश्वर राबिया को खुश रखे और हमें भी परेशानी से दूर रखे.