कई यूजर्स ने आरोप लगाया कि नयनतारा और विग्नेश ने सरोगेसी कानून का उल्लंघन किया है. सरोगेसी कानून के उल्लंघन की बात उठते ही अब तमिलनाडु सरकार ने इस साउथ कपल के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं. करीब पांच साल तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद इस साल जून में दोनों ने शादी कर ली थी. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री एमए सुब्रमण्यम ने कहा, ‘नियमों के अनुसार, 21 साल से अधिक और 36 साल से कम आयु के लोग oocytes (ओवा या अंडे) दान कर सकते हैं, वो भी परिवार की मंजूरी के साथ. हमें लगता है कि ऐसा हो सकता है.’
सरोगेसी को लेकर मांगी जाएगी सफाई
सुब्रमण्यम ने कहा कि साउथ कपल से सरोगेसी को लेकर सफाई मांगी जाएगी और इस बात की जांच की जाएगी कि सरोगेसी कानून के सभी नियमों का पालन किया गया है या नहीं. डॉक्टरों का कहना है कि नयनतारा और उनके पति ने सरोगेसी कानून में संशोधन से पहले बच्चों की ये प्रक्रिया शुरू की होगी. दरअसल, इसी साल जनवरी में सरोगेसी कानून में कुछ संशोधन किया गया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसका इस्तेमाल बिजनेस के वास्ते महिलाओं के शोषण के लिए न हो.’
कपल का नहीं आया कोई जवाब
जनवरी में कुछ मामलों में सरोगेसी को गैनकानूनी करार दिया गया था. कहा जा रहा है कि कानून के मुताबिक, शादीशुदा जोड़े ही सरोगेसी के तहत बच्चा हासिल कर सकते हैं. सरोगेसी कानून के उल्लंघन के सवालों पर अभी तक नयनतारा और विग्नेश का कोई जवाब सामने नहीं आया है. अब देखना यह होगा कि क्या दोनों पर लगे आरोप सच साबित होते हैं और अगर सच साबित हुए तो कानून के मुताबिक उनपर किस तरह का एक्शन लिया जाएगा.