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श्रेया घोषाल ने गाई ‘आंबेडकर लोरी’

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भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की १३० वीं जयंती के उपलक्ष्य में स्वयंदीप सांस्कृतीक संस्थान की ओर से संगीतमय अभिवादन देने हेतु इस महान विभूति को एक लोरी गीत समर्पित किया गया.
नामदार श्री. धनंजयजी मुंडेसाहब, सामाजिक न्याय व विशेष सहायता मंत्री (महाराष्ट्र राज्य) की प्रमुख उपस्थिति में उन्हीं के शुभ करकमलों द्वारा डॉ. बाबा साहब आंबेडकर के लोरी गीत का विमोचन किया गया. इस अवसर पर माननीय मंत्री महोदय ने डॉ. आंबेडकर जयंती के शुभ अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दी और स्वयंदीप सांस्कृतीक संस्थान के कार्यशैली की प्रशंसा की. यह लोरी गीत हर घर में पहुंचेगा ऐसा भी उन्होंने कहा. अच्छे नागरिक बनने के लिए बचपन से ही बच्चे बाबासाहब का यह लोरी गीत सुनते हुए बडे हों, ऐसे शब्दों में मुंडेजी ने अपनी सदभावना व्यक्त की.
मंत्री महोदय ने कहा कि, आंतरराष्ट्रीय स्तर के सभी देश बाबासाहब द्वारा लिखित भारतीय संविधान के दिशानिर्देश पर चलते हैं, यह हम सभी के लिए बहुत गर्व और सम्मान की बात है. इसलिए हम उन्हें विश्वरत्न के रूप में संबोधते हैं. यह गीत लिखनेवाले गीतकार, संगीतकार आयु. राजेश ढाबरेसाहब, नार्कोटिक आयुक्त, सेंट्रल ब्युरो ऑफ नार्कोटिक्स भी यहां उपस्थित रहे. पार्श्वगायिका श्रेया घोषाल की आवाज में यह गीत रिकॉर्ड किया गया, ऐसा राजेश ढाबरेजी ने गीत की पृष्ठभूमि बताते हुए कहा. स्वयंदीप सांस्कृतीक व शैक्षणीक संस्थान की अध्यक्षा आयु. डॉ. भावना ढाबरेजी की संकल्पना, पहल और सहयोग से इस विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस का परिचय आयु. अजय चालखुरेजी ने किया तथा संचालन की जिम्मेदारी प्रशांत ढाबरे ने संभाली

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