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भारत पांबदियों से मुक्त हो सकता है – WHO

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भारत में कोरोना की शुरूआत के साथ पहली लहर के बाद जब दूसरी लहर का आगाज़ हुआ तो देश में मौत का आंकड़ा इस कदर बढ़ा की सरकार के साथ-साथ आम जनता भी परेशान हो गई। लेकिन इस दौर में सरकार और जनता की रणनीति ने कोरोना के साथ दूसरी लड़ाई में आखिरकर कोरानो को हारना ही पड़ा। इस वजह से सोवार का दिन भारत के लिए बहुत ही अहम रहा। लगातार 14वें दिन दैनिक संक्रमण दर पांच फीसदी से नीचे बनी रही। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी भारत द्वारा कोरोना पर लगाम कसने की रणनीति को सही बताते हुए अब इसे पाबंदियों से मुक्त करने के लिए सुझाव दिया है।

दूसरी लहर में आई भारी गिरावट

सोमवार का दिन भारत के लिए बहुत ही खास रहा है। कोरोना की दैनिक संक्रमण दर 3.83 फीसदी दर्ज की गई है। वहीं 7 जून को दैनिक संक्रमण दर 4.6 फीसदी दर्ज की गई थी। तब से ही यह दर 5 फीसदी से नीचे बनी हुई है। इस ओर विशेषज्ञ का कहना है कि यह सकारात्मक पहलू है, लेकिन अभी बेहद सावधान रहने की आवश्यकता है। भले ही स्थिति काबू में है लेकिन कोरोना के नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं साथ ही दैनिक संक्रमण का मामला भी फिलहाल 50 हजार से ऊपर बना हुआ है। देश के कई जिलों में अभी भी संक्रमण दर 5 फीसदी से अधिक है।

पाबंदी हटाने को लेकर विशेषज्ञ की राय

नाडर यूनिवर्सिटी गौतम बुध्द नगर स्कूल ऑफ नेचुरल साइंस में एसोसिएट प्रोफेसर नागा सुरेश वीरपू संक्रमण के बारे में बताते हुए कहते हैं कि ‘‘मौजूदा पांच फीसदी से कम संक्रमण के साथ भारत में कोरोना की दूसरी लहर जितनी तेजी से ऊपर उठी थी, उतनी ही तेजी से अब वह नीचे गिर रही है। लेकिन यह अभी खत्म नहीं हुई है, क्योंकि डेल्टा प्लस जैसे नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं।

भारत में हुआ दूसरी लहर का अंत

भारत में कोरोना की स्थिति अब कहीं हद तक काबू में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अगर किसी भी क्षेत्र या देश में लगातार 14 दिनों तक दैनिक संक्रमण दर पांच फीसदी से नीचे रहती है तो उस क्षेत्र या देश को पाबंदियों से मुक्त किया जा सकता है। यानी उसे अनलाॅक किया जा सकता है। डब्ल्यूएचओ के मापदंड के पैमाने के अनुसार भारत में अब दूसरी लहर का अंत माना जा सकता है और उसे पूरी तरह से पांबदियों से मुक्त किया जा सकता है।

Edited By : Rahanur Amin Lashkar

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