सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टॉस्क फोर्स गठित की है जो कि देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता और आपूर्ति का आकलन और सिफारिश करेगी। टॉस्क फोर्स में 12 सदस्य होंगे।
नेशनल टास्क फोर्स देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता और सप्लाई का आकलन और वितरण को लेकर सिफारिश करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टास्क फोर्स अभी और भविष्य के लिए पारदर्शी और पेशेवर आधार पर महामारी की चुनौतियों का सामना करने के लिए इनपुट और रणनीति प्रदान करेगी. टास्क फोर्स वैज्ञानिक, तर्कसंगत और न्यायसंगत आधार पर राज्यों को ऑक्सीजन के लिए कार्यप्रणाली तैयार करेगी. दिल्ली, कर्नाटक समेत कई राज्य ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर शिकायत कर रहे हैं.
बता दें कि नेशनल टास्क फोर्स का संयोजक, जो भी सदस्य होगा वह केंद्र सरकार का कैबिनेट सचिव होगा. कैबिनेट सचिव अपने अलावा अतिरिक्त सचिव के पद से नीचे के अधिकारी को नामित नहीं कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टास्क फोर्स एक सप्ताह के भीतर काम करना शुरू करे. सरकार और सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपे. वह सरकार को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करे. नेशनल टास्क फोर्स का कार्यकाल शुरू में छह महीने का होगा. केंद्र सरकार टास्क फोर्स को सभी जरूरी सहायता देगी. राज्य और अस्पताल भी उसे सहयोग देंगे.
टास्कफोर्स में जिन 12 सदस्यों को नामित किया गया है, उनमें पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ भबतोष विश्वास, सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली के अध्यक्ष डॉ देवेंद्र सिंह राणा, नारायण हेल्थकेयर, बेंगलुरु के अध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक डॉ देवी प्रसाद शेट्टी, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर के प्रोफेसर डॉ गगनदीप कांग, मेदांता अस्पताल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ नरेश त्रेहन मुख्य रूप से शामिल हैं।