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आज शाम 3 बजे जम्मू कश्मीर के नेताओं के साथ पीएम मोदी करेंगे बैठक, इन अहम मुद्दों पर हो सकती चर्चा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (24 जून) को जम्मू कश्मीर के नेताओं की एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के 8 राजनीतिक पार्टियों में से 14 नेताओं को बुलाया गया है। बैठक आज दोपहर तीन बजे पीएम के आवास पर होगी। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खत्म होने के बाद केंद्र द्वारा पहली बार ऐसी बैठक बुलाई गई है। बैठक का उद्देश्य जम्मू और कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को स्थापित करना है। भाजपा द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद 2018 से जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू है।

बैठक में 8 पार्टी के 14 नेता लेंगे हिस्सा

पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई इस बैठक में आठ पार्टियों के 14 नेताओं को न्योता दिया गया। उम्मीद की जा रही है कि ये सभी नेता बैठक में हिस्सा लेंगे। इस बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, बीजेपी से निर्मल सिंह और कविंद्र गुप्ता, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, सीपीआईएम से मोहम्मद युसूफ तारिगामी, जेके अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी और पीपुल्स कांफ्रेंस से मुजफ्फर बेग और सज्जाद लोन शामिल होने वाले हैं।

कांग्रेस और गुपकर गठबंधन की है ये मांग

कांग्रेस ने इस बैठक को लेकर कहा है कि वह पीएम की इस बैठक में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करना उनकी पहली प्राथमिकता है। वहीं फारुक अब्दुल्ला नीत गुपकार गठबंधन भी इस बैठक में हिस्सा ले रहा है। गुपकर गठबंधन ने कहा है कि इस बैठक में उनकी मांग जम्मू कश्मीर में विशेष दर्जा दोबारा बहाल करवाना है।

पीएम मोदी की इस बैठक में शामिल होने को लेकर गुपकर के नेताओं ने मंगलवार (22 जून) को बैठक की थी। जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जा की पुन वापसी की मांग को लेकर 6 पार्टियों ने मिलकर गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) का गठन किया था। जिसमें पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल कॉन्फ्रेंस दो अहम पार्टियां हैं।

गृह मंत्रालय ने कही ये बात

पिछले हफ्ते केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और कई खुफिया अधिकारियों ने एक साथ मुलाकात की थी। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के बाद और कम आतंकवादी गतिविधियों के जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने का ये सही वक्त है।

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