कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। इस महामारी की दूसरी लहर में ऑक्सीजन, बेड और दवा की कमी देखने को मिल रही है। मरीजों के इलाज में रेमडेसिवीर इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक दम से बड़ी मांग के कारण रेमडेसिवीर की कालाबाजारी और नकली इंजेक्शन बिकना भी शुरू हो गया है। मेडिकल ऑक्सीजन के बाद सबसे ज्यादा मांग रेमडेसिवीर की है। कुछ लोग नकली रेमडेसिवीर को महंगे दामों में तक बेच रहे हैं। ऐसे में लोगों को यह पता होना बहुत जरूरी है कि कैसे रेमडेसिवीर के असली और नकली की पहचान किया जाए।दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी और आईपीएस अफसर मोनिका भारद्वाज ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया है।
उन्होंने जानकारी दी है कि रेमडेसिवीर की फेक और असली पैकेट की कैसे पहचान की जाए। भारद्वाज ने नकली पैकेट पर कुछ गलतियों को बताया। इससे असली पैकेट को पहचाने में मदद मिलेगी।असली-नकली की पहचान ऐसे करें- नकली रेमडेसिवीर के पैकेट पर इंजेक्शन के नाम से ठीक पहले rx नहीं लिखा होगा।
असली रेमडेसिवीर पर 100 mg/Vial लिखा होगा, जबकि नकली पर 100 mg/vial लिखा है। केवल Capital V का अंतर होगा।
असली पैकेट पर For use in लिखा होता है, जबकि नकली पर for use in लिखा है। दोनों में Capital F का अंतर है।
असली रेमडेसिवीर के पैकेट के पीछे चेतावनी लेबल रेड कलर में होता है, जबकि नकली पर लेबल ब्लैक रंग में है।
फेक रेमडेसिवीर पैकेट पर पूरे पते में स्पेलिंग की गलतियां हैं।