शरद पवार बोले- अब मेरे पास जिम्मेदारी नहीं, एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने का किया ऐलान

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शरद पवार ने अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान कर दिया.

इस बात की पुष्टि खुद शरद पवार ने की है. हाल ही में एनसीपी नेता और भतीजे अजित पवार से शरद पवार की मनमुटाव की खबरें सामने आई थीं. कहा जा रहा था कि शरद पवार, अजित पवार के बीजेपी के साथ जाने को लेकर चल रहीं अटकलों से काफी नाराज थे.

पति शरद पवार के इस ऐलान के बाद उनकी पत्नी प्रतिभा पवार रो पड़ीं. हालांकि उनके इस ऐलान के बाद पार्टी में कई लोग दुखी हो गए. पार्टी से जुड़े कई नेताओं की ओर से उनके इस फैसले पर फिर से विचार करने को भी कहा जा रहा है. पार्टी के नेता शरद पवार के समर्थन में नारेबाजी कर रहे हैं. प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शरद पवार अपने फैसले पर विचार करें. भतीजे अजीत पवार ने कहा कि ऐसे इस्तीफे का ऐलान सही नहीं है.

अजीत पवार ने कहा, ‘शरद पवार 1 मई को ही अपने इस्तीफे को लेकर ऐलान करने वाले थे, लेकिन एमवीए की रैली की वजह से उन्होंने यह विचार टाल दिया.’ अजीत ने कहा कि पवार साहब ने कुछ दिन पहले ही सत्ता परिवर्तन की बात कही थी. उन इस्तीफ के इस फैसले को उनकी उम्र और सेहत के लिहाज से भी देखना चाहिए.’

अजित पवार ने यह भी कहा कि पवार साहब से सलाह-मशविरा करके हा नए नेतृत्व का फैसला लिया जाएगा. साथ ही जो भी पार्टी के नया अध्यक्ष बनेगा, हम उसकी अगुवाई में काम करेंगे. NCP का मतलब ही शरद पवार है. मैं वादा करता हूं कि पवार साहब का साथ नहीं छोड़ूंगा.

सार्वजनिक जीवन से संन्यास नहींः शरद पवार

अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते समय शदर पवार ने कहा कि, ‘आज मैं एनसीपी के अध्यक्ष पद से रिटायर होने का फैसला करता हूं. एनसीपी में आगे एक समिति नियुक्त की जाएगी. मुझे पता है कि कहां रुकना है. मेरे पास एमपी के रूप में तीन साल बाकी हैं और मैं राज्य और केंद्र के मुद्दों को देखूंगा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मैं विभिन्न सांस्कृतिक, राजनीतिक और अन्य मुद्दों के लिए काम करूंगा. मेरा संन्यास सार्वजनिक जीवन से नहीं है.’ हालांकि एनसीपी कार्यकर्ताओं की ओर से लगातार मांग की जा रही है कि शरद पवार अपने संन्यास का फैसला वापस लें.

शरद पवार ने अपनी किताब का किया विमोचन

शरद पवार ने आज अपनी किताब ‘लोक माझे सांगाती’ का विमोचन किया. इसके तुरंत बाद ही उन्होंने अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान कर दिया. शरद पवार ने कहा कि मैंने बतौर अध्यक्ष एनसीपी के लिए लंबे समय तक काम किया. अब मैं खुद चाहता हूं कि कोई दूसरा इस जिम्मेदारी को उठाए.

वहीं, मुंबई में पवार के समर्थन में एनसीपी कार्यकर्ता जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. शरद पवार ने अपनी किताब में 23 नवंबर 2019 के उस घटना का भी जिक्र किया है, जहां अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस ने सुबह-सुबह शपथ लेकर सरकार बना ली थी.

भजीते अजित पवार से चल रहा था मनमुटाव!

हाल के दिनों में चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच काफी मतभेद देखने को मिला. कर्नाटक चुनाव के लिए NCP ने स्टार प्रचारकों की एक लिस्ट जारी की थी, जिसमें अजित पवार का कहीं नाम शामिल नहीं था. राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चाएं होने लगीं कि शरद पवार अपने भतीजे से नाराज चल रहे हैं. वहीं अजित पवार को लेकर ऐसी खबरें भी उठीं कि वह बीजेपी में शामिल हो रहे हैं.

पार्टी से बगावत करने वालों को पवार ने दी थी चेतावनी

हाल के बयानों में अजित पवार ने पीएम मोदी की खूब तारिफ भी की थी. इसके बाद शरद पवार ने कहा था कि कोई भी अगर पार्टी से बगावत करेगा तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा था कि वह हर चीजों पर बारीकि से नजर बनाए हुए हैं, जल्द ही फैसला लेंगे.

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