मुंबई । भारतीय नौसेना ने ‘ऑपरेशन संकल्प’ के तहत की गई। कार्रवाई में सोमालिया तट के पास एक अभियान के दौरान पकड़े गए 35 समुद्री लुटेरों को लेकर युद्धपोत आईएनएस कोलकाता शनिवार सुबह मुंबई पहुंचा। नौसेना ने इन समुद्री लुटेरों को अब मुंबई पुलिस को सौंप दिया है और उसने इनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। यह कार्रवाई ‘ऑपरेशन संकल्प’ के तहत की गई। इसके तहत भारतीय नौसेना के जहाजों को अरब सागर और अदन की खाड़ी में तैनात किया गया है ताकि क्षेत्र से गुजरने वाले नाविकों और मालवाहक पोतों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
आईएनएस कोलकाता पकड़े गए 35 सोमालियाई समुद्री लुटेरों को लेकर 23 मार्च को मुंबई पहुंचा। भारतीय कानूनों, खासकर समुद्री डकैती-रोधी अधिनियम, 2022 के अनुसार आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए इन समुद्री लुटेरों को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया है।
विशिष्ट सूचना के आधार पर 15 मार्च की सुबह शुरू हुए 40 घंटे से अधिक समय तक चले अभियान के दौरान आईएनएस कोलकाता ने अरब सागर में समुद्री लुटेरों के जहाज एक्स-एमवी रुएन को पकड़ा था। नौसेना ने कहा कि जहाज एक्स-एमवी रुएन का इस्तेमाल समुद्र क्षेत्र में लूटपाट करने और वाणिज्यिक पोतों को बंधक बनाने के लिए किया जा रहा था। इस जहाज को पिछले साल 14 दिसंबर को सोमालिया के तट से समुद्री डाकुओं ने अपने कब्जे में लिया था।
भारतीय तट से लगभग 1,400 समुद्री मील (2,600 किलोमीटर) दूर करीब दो दिन तक लगातार चलाए गए आपरेशन के दौरान नौसेना ने न केवल पूर्व माल्टीज ध्वज वाले अपहृत व्यापारिक जहाज एमवी रुएन के चालक दल के 17 सदस्यों को सुरक्षित रिहा कराया था, बल्कि 35 सोमालियाई समुद्री लुटेरों को भी आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया था।
घटनाक्रम के अनुसार 15 मार्च की सुबह आईएनएस कोलकाता ने समुद्री लुटेरों के जहाज पर नजर रखनी शुरू की। आईएनएस कोलकाता को देखते ही जहाज ने रास्ता बदल लिया और सोमाली तट की ओर जाने लगा। जहाज के ऊपरी डेक पर कई सशस्त्र समुद्री लुटेरे नौसेना ने अपने ड्रोन से देखे। आईएनएस कोलकाता ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत जब उक्त जहाज को रुकने का निर्देश दिया तो उन्होंने भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर भी गोलीबारी की और भारतीय नौसेना के ड्रोन को भी मार गिराया था। इसके बाद आईएनएस कोलकाता ने एमवी रुएन जहाज के स्टीयरिंग सिस्टम और नेविगेशनल सहायता को अक्षम बना दिया, जिससे उन्हें जहाज बंद करना पड़ा। फिर भारतीय वायुसेना ने सी-17 विमान से मार्कोस कमांडो जहाज पर उतारे गए और उन्होंने समुद्री लुटेरों को न काबू कर लिया था और उस पर सवार चालक दल के सदस्यों को भी बचाया।