कोरोना महामारी ने वर्क फ्रॉम होम का एक नया कल्चर ही शुरू कर दिया है. कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद कंपनियों से लेकर कर्मचारी तक अब इस नए ट्रेंड को अपनी रूटीन लाइफ बनाने की सोचने लगे हैं. बहुत से कर्मचारी हैं जो फुल टाइम ऑफिस में काम नहीं करना चाहते, भले इसके लिए उन्हें सैलरी से समझौता करना पड़े.
एक सर्वे में सामने आया है कि देश के 60 परसेंट कर्मचारी कम सैलरी पर भी जॉब स्विच करने को राजी है, बस शर्त ये है कि उन्हें कहीं से भी काम करने की छूट मिलनी चाहिए यानी वो चाहें तो घर से काम करें या फिर फिर ऑफिस से.
Awfis का सर्वे
को-वर्किंग ऑपरेटर Awfis की ओर से कराए गए इस सर्वे से सामने आया है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान भारत के वर्क इकोसिस्टम में और क्या बदलाव आए हैं.
ये सर्वे 1000 भारतीय वर्किंग प्रोफेनल्स के साथ किया गया, जिसमें अलग अलग इंडस्ट्रीज और अलग अलग जॉब रोल्स के प्रोफेशनल्स शामिल थे.
ये सर्वे मई और जून 2021 के दौरान किया गया जिसमें देश के सात मेट्रो शहरों के प्रोफेशनल्स ने हिस्सा लिया.
71 परसेंट ने माना ऑफिस में आसानी होती है
Awfis के सर्वे में सामने निकलकर आया कि 71 परसेंट प्रतिभागियों ने माना कि उनको ऑफिस में रहकर टीम मैनेज करने में आसानी होती है. जबकि 72 परसेंट ने माना कि फिजिकल वर्कस्पेस में नेटवर्किंग से वो संतुष्ट हैं. संयुक्त रूप से 74 परसेंट प्रतिभागियों ने स्वीकार किया कि वे करियर की ग्रोथ से असंतुष्ट हैं, जिनमें से कई ने लगातार दूर काम करते रहने की वजह से प्रोफेशनल ग्रोथ में गिरावट को महसूस किया है
57 परसेंट ने कहा कम सैलरी पर काम कर सकते हैं लेकिन…
Affis की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 72 परसेंट का मानना है कि उन्हें हाइब्रिड वर्क मॉडल पसंद है, जिसमें वो घर से भी काम कर सकते हैं और ऑफिस में रहकर भी काम कर सकते हैं. 57 परसेंट प्रोफेशनल्स का मानना है कि पार्ट-रिमोट वर्क के लिए वो ऊंची सैलरी लेंगे या फिर नौकरी छोड़कर कोई ऐसी दूसरी जॉब करेंगे जहां ज्यादा लचीले विकल्प (flexible options) हों.
58 परसेंट प्रोफेशनल्स ने इच्छा जताई कि वो करीब के ब्रांच ऑफिस में काम करना चाहेंगे या फिर कंपनी की ओर से को-वर्किंग स्पेस दिया जाए तो वहां काम करना पसंद करेंदे.
सर्वे में करीब 82 परसेंट लोगों ने कहा है कि जब वो वैक्सीन लगवा लेंगे तो ऑफिस लौटने में उन्हें कोई परेशानी नहीं है, बस थोड़ी सी फ्लेक्सिबिलिटी मिलनी चाहिए. Awfis के 75 सेंटर्स हैं, जो 11 शहरों में फैले हुए हैं और कुल 40,000 सीटें हैं.