केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लगातार सत्ता में रहने के आठ साल पूरे होने पर पार्टी देश भर में उन सीटों पर विशेष अभियान चलाएगी, जिन पर वह बीते चुनाव में दूसरे व तीसरे स्थान पर रही थी। ऐसी लगभग 144 सीटों पर पार्टी के केंद्रीय मंत्री प्रवास करेंगे। हर मंत्री एक लोकसभा सीट पर तीन दिन का प्रवास करेगा और केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाएगा। इसके अलावा कमजोर बूथों के लिए सांसदों व विधायकों को जिम्मेदारी दी जाएगी। यह फैसला भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रियों की बैठक में हुई।
भाजपा मुख्यालय में बुधवार से देर शाम तक बैठकों का दौर चलता रहा। सुबह के सत्र में बूथ सशक्तिकरण को लेकर रणनीति को अंतमि रूप दिया गया, वहीं शाम को हुई बैठक में लोकसभा प्रवास योजना की रणनीति तैयार की गई। इन बैठकों में पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कमजोर बूथों से लेकर हारी हुई सीटों के लिए रणनीति के लिए कार्ययोजना को नीचे तक ले जाने पर चर्चा की। इन बैठकों में केंद्र सरकार के अधिकांश मंत्रियों के साथ बूथ सशक्तिकरण अभियान से जुड़े नेता शामिल रहे।
पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा की अध्यक्षता में शाम को हुई केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक में गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। इनके अलावा केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान, स्मृति ईरानी, एस जंयशंकर, मुख्तार अब्बास नकवी, किरण रिजीजू, प्रहलाद जोशी आदि मंत्री शामिल रहे।
सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने बीते लोकसभा चुनाव में दूसरे व तीसरे स्थान पर रहने वाली सीटों के लिए भाजपा ने बड़ी रणनीति बनाई है। पार्टी 30 मई से 15 जून तक देश भर में मोदी सरकार के आठ साल पूरे होने पर सरकार की उपलब्धियों को जनता तक लेकर जा रही है। इसमें उन क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है, जहां भाजपा का सांसद नहीं है। इसके पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सुबह पार्टी के बूथ सशक्तिकरण अभियान की बैठक ली। इस बैठक में पार्टी के लगभग 73 हजार कमजोर बूथों के लिए रणनीति पर विचार किया गया।
बैठक में प्रमख नेताओं में पार्टी महासचिव दुष्यंत गौतम, दिलीप घोष, एस एस अहलूवालिया, तरुण चुग, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, अर्जुन राम मेघवाल, अन्नपूर्णा देवी, अजय भट्ट, प्रतिमा भौमिक, वी के सिंह आदि नेता भी मौजूद रहे।