उत्तर प्रदेश की सत्ता के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से आर-पार की लड़ाई लड़ने के संकल्प के साथ समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को करहल विधानसभा सीट से नामांकन कराया। अपने पैतृक गांव इटावा के सैफई से करहल विधानसभा सीट के लिए नामांकन कराने को मैनपुरी के लिए रवाना होने के लिए अखिलेश यादव जिस विजय रथ से पहुंचे उसकी हनुमान मंदिर में पूजा की गई। इसके बाद अखिलेश इस गुलाबी रंग की विजय रथ पर सवार होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे।
सैफई से करहल के बीच करीब 30 किमी की दूरी पर अखिलेश का जगह जगह गर्मजोशी से स्वागत किया गया। गुलाबी रंग के विजय रथ पर सवार सपा अध्यक्ष हाथ हिला कर जनता का अभिवादन करते रहे। सैकड़ों वाहन के काफिले के बीच सड़कों पर उमड़ी भीड़ के चलते विजय रथ के करीब एक बजे मैनपुरी कलेक्ट्रेट पहुंची। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के पुख्ता इंतजाम थे।
अखिलेश के विजय रथ पर करहल से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके शोभन सिंह सवार रहे। इसके अलावा विजय रथ में पूर्व सांसद और अखिलेश के भतीजे तेज प्रताप भी सवार हुए। विजय रथ को अखिलेश के निजी सचिव गजेन्द्र खुद चला रहे थे और उन्होंने सैफई से रवाना होने से पहले विजय रथ के साथ सैफई के प्रसद्धि हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की थी।
सपा अध्यक्ष के नामांकन के लिए रवाना होने से पहले उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव समेत अन्य सगे संबंधी और शुभचिंतकों ने आशीष देकर सपा की प्रचंड बहुमत की सरकार बनने की कामना की। विजय रथ पर सवार अखिलेश ने हालांकि कहा कि विधानसभा चुनाव के व्यस्त कार्यक्रम के मद्देनजर इटावा और मैनपुरी में फिलहाल ज्यादा समय न दे सकें। उन्हें क्षेत्र की जनता से पूरा भरोसा है कि वह उन्हें प्रदेश में सरकार बनाने के लिए अन्य क्षेत्रों में जाने की अनुमति देगी। उन्होंने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में सपा की लहर चल रही है जो प्रदेश को विकास,खुशहाली के रास्ते पर ले जाने के लिए कृत संकल्पित है।
करहल में चुनाव के तीसरे चरण में 20 फरवरी को मतदान होना है। कांग्रेस ने इस सीट से ज्ञानवती यादव को और बसपा ने कुलदीप नारायण को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार का नाम अभी घोषित नहीं हुआ है। चर्चा है कि बीजेपी अखिलेश के खिलाफ उनके परिवार की सदस्य अपर्णा यादव को उतार सकती है।