कश्मीर में आईएसआई की साजिश और स्थानीय स्तर पर बदली हुई रणनीति के साथ आतंकी गुटों की बढ़ी हरकत ने सुरक्षा बलों की चुनौती बढ़ा दी है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि एक तरफ पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई अपने हथकंडों से कश्मीरी युवाओं का ब्रेन वॉश कर रहा है। वहीं, लश्कर के प्रॉक्सी टीआरएफ के जरिए कश्मीरी पंडितों और गैर कश्मीरियों पर हमले किए जा रहे हैं।
स्थानीय स्तर पर युवाओं को आतंकी गुटों में भर्ती करने की आतंकियों की साजिश को नाकाम करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को विशेष कार्रवाई करने को कहा गया है। सुरक्षा एजेंसि myयों से कहा गया है कि कश्मीर में आतंकियों से जुड़े खुफिया इनपुट को और मजबूत किया जाए और उनकी पहचान कर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए। एजेंसियों के सामने चुनौती यह है कि स्थानीय स्तर पर आतंकियों की भर्ती नहीं रुक रही है और आम लोगों के साथ घुलमिलकर हमला करने वाले हाइब्रिड आतंकियों की संख्या भी बढ़ रही है।
इसके अलावा, अमरनाथ यात्रा के दौरान पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन्स के जरिये मैगनेट बम और विस्फोटकों को भारतीय सीमा में भेजने की पाकिस्तानी साजिश की आशंका के मद्देनजर सीमा सुरक्षा बल और सेना से कहा गया है कि वो एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से होने वाली हर हरकत पर नजर रखे। खुफिया एजेंसियों को शक है कि अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान ड्रोन्स के जरिये बड़े पैमाने पर जम्मू कश्मीर में हथियारों को भेजने में लगा है।