पश्चिम बंगाल में हिंसा प्रभावित बीरभूम जिले के एक सीनियर पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। अधिकारी का यह निलंबन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीरभूम दौरे के ठीक बाद किया गया है। पुलिस अधिकारी को घोर कदाचार और कर्तव्य की अवहेलना करने के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। मुख्मयंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को बोगतुई गांव का दौरा किया, जहां इस सप्ताह के प्रारम्भ में आठ लोगों को कथित तौर पर जिंदा जलाकर मार दिया गया था।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि बीरभूम जिले के रामपुरहाट थाना प्रभारी के पद पर तैनात पुलिस निरीक्षक त्रिदीप प्रमाणिक को उनके घोर कदाचार और अनुशासित पुलिस बल के एक सदस्य के कर्तव्य की अवहेलना के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
बीरभूम जिले के रामपुरहाट के बोगतुई गांव में मंगलवार को तड़के करीब एक दर्जन मकानों में कथित तौर पर आग लगा देने से दो बच्चों समेत कुल आठ लोगों की जलकर मौत हो गई। यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पंचायत स्तर के नेता भादू शेख की कथित हत्या के कुछ घंटों के भीतर हुई।
एक दर्जन मकानों में लगा दी थी आग
तृणमूल कांग्रेस के नेता की हत्या के बाद रामपुरहाट शहर के बाहरी इलाके में स्थित बोगतुई गांव में करीब एक दर्जन मकानों पर कथित तौर पर पेट्रोल बम से हमला कर आग लगा दी गई थी। ऐसा कहा जा रहा है कि कुछ लोगों ने अपने नेता की हत्या के प्रतिशोध में मकानों में आग लगा दी। पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक कम से कम 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। राज्य सरकार ने कथित रूप से लापरवाही बरतने के आरोप में कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
NHRC ने जारी किया नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल सरकार, राज्य पुलिस प्रमुख को बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में हुई आठ लोगों की हत्या के संबंध में नोटिस जारी किया और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाली रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर पेश करने के निर्देश दिए।