रामपुर लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस और बसपा के कार्यकर्ताओं ने आगामी 23 जून को मतदान के दौरान नोटा का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। कांग्रेस और बसपा ने उपचुनाव में अपना प्रत्याशी उतारा नहीं है और न ही किसी प्रत्याशी को समर्थन दिया है। ऐसे में पार्टी पदाधिकारियों ने दूसरे दल के प्रत्याशी को वोट देने के बजाय नोटा का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है।
रामपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए भाजपा की ओर से पूर्व एमएलसी घनश्याम सिंह लोधी प्रत्याशी हैं, जबकि सपा ने अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य एवं सपा नगराध्यक्ष आसिम राजा को चुनाव मैदान में उतारा है। इनके अलावा सात अन्य प्रत्याशी चुनाव मैदान में और हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने पहले ही साफ कर दिया था कि उपचुनाव में बसपा अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी, जबकि कांग्रेस ने नामांकन की अंतिम दिन अधिकारिक तौर पर प्रत्याशी न उतारने का निर्णय लिया था।
नूरमहल में विरोध के सुर
कांग्रेस के निर्णय के बाद से ही पार्टी का गढ़ माने जाने वाले नूरमहल में विरोध के सुर उठने लगे हैं। पूर्व मंत्री नवेद मियां एक सह प्रभारी पर आरोप लगा रहे हैं कि वह कांग्रेस की कब्र खोदने में लगे हैं। जबकि, राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व विधायक संजय कपूर पार्टी के इस निर्णय को सही मान रहे हैं।
बोले कांग्रेस जिलाध्यक्ष
कांग्रेस जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र देव गुप्ता ने बताया, आज के हालात में यदि पार्टी ने प्रत्याशी उतारा होता तो चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला तय था, लेकिन पार्टी हाईकमान ने जो फैसला लिया है, सोच समझकर ही लिया होगा। हम कांग्रेसी लोग चुनाव में नोटा का इस्तेमाल करेंगे।
बसपा जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार सागर कहा कहना है कि बहनजी का आदेश सर्वोपरि है। उन्होंने उपचुनाव में बसपा की भागीदारी से साफ मना कर दिया है, इसीलिए हम लोग किसी दूसरे दल के प्रत्याशी का समर्थन नहीं करेंगे। बल्कि, सभी लोग चुनाव में नोटा वाला बटन दबाएंगे।