राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू विजेता बनी हैं। वह 25 जुलाई को देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगी। खास बात यह रही कि द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के मतों के बीच बड़ा अंतर दिखायी दे रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव में जमकर क्रॉस वोटिंग हुई। जहां कुछ सदस्यों ने खुलकर क्रॉस वोट किया तो वहीं बहुत सारे विधायक और सांसद ऐसे थे जिन्होंने अपना पत्ता नहीं खोला लेकिन पार्टी लाइन से हटकर वोट डाला।
सूत्रों के मुताबिक 126 विधायकों और 17 सांसदों ने क्रॉस वोट किया है। भाजपा ने भी दावा किया था कि 17 सांसदों ने क्रॉस वोट किया। सांसदों की बात करें तो 748 में से 540 वोट एनडीए उम्मीदवार मुर्मू को मिले तो वहीं यशवंत सिन्हा को 208 सांसदों को वोट ही हासिल हो पाए। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा और लोकसभा दोनों के सांसद मतदान करते हैं। अगर इन वोटों की वैल्यू देखें तो द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में 3,78,000 वोट हुए और यशवंत सिन्हा के पक्ष में 1,45,600 वोट हुए। ये वोट केवल सांसदों के हैं।
बताया जा रहा है कि द्रौपदी मुर्मू को कुल 64 फीसदी वोट मिले वहीं यशवंत सिन्हा को 36 फीसदी वोट हासिल हुए। कुल वोटों की बात करें तो द्रौपदी मुर्मू को 6,76,803 वोट तो वहीं सिन्हा को 3,80,177 वोट मिले हैं।
असम में सबसे ज्यादा क्रॉस वोटिंग
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का दावा है कि उनके राज्य में 25 विधायकों ने क्रॉस वोट किया। उनका कहना है कि 126 सदस्यों वाली विधानसभा में द्रौपदी मुर्मू को 104 वोट हासिल हुए हैं जबकि एनडीए की तादात 79 है। सरमा ने कहा कि चुनाव सिक्रेट बैलेट से होते हैं इसलिए यह तो नहीं ब ताया जा सकता कि किसने क्रॉस वोट किया है। सूत्रों की मानें तो सबसे ज्यादा असम में, दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश में, तीसरे पर महाराष्ट्र, चौथे पर उत्तर प्रदेश और पांचवें नंबर पर झारखंड में क्रॉस वोटिंग हुई है।