लोकसभा चुनाव 2024 में करीब दो सालों का वक्त बाकी है और भारतीय जनता पार्टी भी दो तरफा रणनीति पर काम करती नजर आ रही है। कहा जा रहा है कि पहला पार्टी संगठन स्तर पर मजबूत होने की कोशिश कर रही है। वहीं, साथ-साथ विपक्ष को भी लगातार कमजोर करती जा रही है। पार्टी हर मौके का इस्तेमाल जनता तक पहुंच बढ़ाने और मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाने में कर रही है। जबिक, बड़े नेताओं की दल बदल के जरिए भी विपक्ष को चोट पहुंचाती नजर आ रही है।
मोदी सरकार के 8 साल पूरे होने पर पार्टी 30 मई से 14 जून तक कार्यक्रम आयोजन करने पर विचार कर रही है। इन 15 दिनों के दौरान भाजपा ‘सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण’ के जरिए लोगों तक पहुंचने की तैयारी कर रही है। सरकार ने अपने मंत्रियों से गांवों तक जाने और लोगों से संपर्क साधने के लिए कहा है
वहीं, 21 जून यानि योग दिवस पर भाजपा कार्यकर्ता देशभर में 75 हजार स्थानों पर योग कैंप लगाएंगे। डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि देने के लिए बलिदान दिवस पर भाजपा कार्यकर्ता 23 जून से 6 जुलाई तक पौधारोपण करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ अभियान के तहत भाजपा सांसद पहले ही अपने क्षेत्र में सामाजिक कार्य औऱ 75 तालाब घुदवा रहे हैं।
भाजपा बूथ स्तर पर भी पार्टी को मजबूत करने के लिए काम कर रही है। 2024 चुनाव को देखते हुए पार्टी ने कमजोर बूथ के लिए खास रणनीति तैयार की है। इसके लिए 73000 बूथ की पहचान की गई है। इन बूथ पर पार्टी के प्रभाव को बढ़ाने के लिए अप्रैल में चार वरिष्ठ नेताओं का एक पैनल गठित किया गया है।
भाजपा ने 10 जून को प्रदेश, 20 जून जिला और 30 जून को मंडल कार्यकारिणी की बैठक करने का फैसला किया है।
इनके अलावा पार्टी विपक्ष को कमजोर करने की ओर भी काम कर रही है। खबर है कि भाजपा उन विपक्षी नेताओं को लक्ष्य बना रही है, जो अपने क्षेत्रों में लोकप्रिय औऱ प्रभावशाली हैं, लेकिन अपनी मूल पार्टियों से नाराज हैं। कांग्रेस नेता मणिक साहा को भाजपा में आने के बाद त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बनाया गया। पार्टी ने यह संकेत दिए हैं कि वह नेताओं को सम्मान देने में भरोसा रखती है।