Tansa City One

बुल्ली बाई ऐप क्रिएटर नीरज बिश्नोई को नहीं मिली राहत, दिल्ली की कोर्ट ने जमानत अर्जी ठुकराई

0

दिल्ली की एक अदालत ने ‘बुल्ली बाई’ ऐप बनाने वाले नीरज बिश्नाई (Bulli Bai creator Niraj Bishnoi) की जमानत अर्जी शुक्रवार को यह कहते हुए खारिज कर दी कि इस ऐप पर अपमानजनक एवं सांप्रदायिक रंग वाली सामग्री के साथ मुस्लिम महिलाओं के विरुद्ध मानहानिकारक अभियान चलाया जा रहा था।

मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने यह कहते हुए राहत देने से इनकार कर दिया कि बिश्नोई की हरकत खास समुदाय की महिलाओं की गरिमा एवं समाज के सांप्रदायिक सद्भाव पर प्रहार है।

अदालत ने कहा कि तथ्य उद्घाटित करते हैं कि आरोपी ने ‘बुल्ली बाई’ ऐप बनाया जहां सोशल मीडिया पर चर्चित किसी खास समुदाय की महिला पत्रकारों एवं हस्तियों को निशाना बनाया जाता है और उनकी बुरी छवि पेश की जाती है, उसका एकमात्र मकसद उनका अपमान करना होता है।

बिश्नोई (22) ने अदालत से कहा कि उसे झूठे तरीके से फंसाया गया है और उसका इस अपराध से कोई लेना-देना नहीं है। शिकायतकर्ता के वकील ने इस जमानत अर्जी का विरोध किया।

इस ऐप पर 100 से अधिक जानी-मानी महिलाओं का ब्योरा है और ऐप यूजर्स को इन महिलाओं की ‘नीलामी’ में भाग लेने की अनुमति देता है। बिश्नोई असम के जोरहाट जिले के दिगंबर इलाके का रहने वाला है और वह वेल्लूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी में बीटेक का छात्र है। उसे इस माह के प्रारंभ में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशंस यूनिट की टीम ने असम से बुल्ली बाई प्रकरण में गिरफ्तार किया था।

दिल्ली पुलिस ने कहा था कि पूछताछ के दौरान नीरज बिश्नोई ने खुलासा किया कि ऐप को नवंबर 2021 में बनाया गया था और दिसंबर 2021 में अपडेट किया गया था। उसने ऐप के बारे में बात करने के लिए एक और ट्विटर अकाउंट भी बनाया था।

देश के विभिन्न पुलिस थानों को ‘बुल्ली बाई’ मोबाइल एप्लिकेशन पर “नीलामी” के लिए मुस्लिम महिलाओं की लिस्टिंग के संबंध में कई शिकायतें मिलीं, जिनमें बिना अनुमति के फोटो डालकर उनमें छेड़छाड़ की गई थी।

बेंगलुरु के एक इंजीनियरिंग छात्र, उत्तराखंड की एक युवती, उसके एक दोस्त को मुम्बई पुलिस ने इसी मामले में गिरफ्तर किया है। 

About Author

Comments are closed.

Maintain by Designwell Infotech