इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख डॉ समीरन पांडा ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर अगस्त के अंत तक आ सकती है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि दूसरी लहर के मुकाबले थर्ड वेव का असर कम होगा. उन्होंने कहा कि संक्रमण की तीसरी लहर भी पूरे देश में देखने को मिलेगी.
अंग्रेजी समाचार चैनल एनडीटीवी से बातचीत में डॉ पांडा ने कहा, “तीसरी लहर के लिए मुख्य रूप से चार चीजें जिम्मेदार हो सकती हैं. पहला, पहली और दूसरी लहर के दौरान जो इम्युनिटी हासिल हुई है, अगर वो कम होता है, तो तीसरी लहर आ सकती है. दूसरा, कोई वेरिएंट जो पहले से मिली इम्युनिटी को बायपास कर सकता है.
तीसरा, नया वेरिएंट इम्युनिटी को बायपास नहीं भी कर पाए, लेकिन लोगों में तेजी से फैल सकता है. और चौथा, अगर राज्यों द्वारा समय से पहले प्रतिबंध हटाए जाते हैं, तो संक्रमण की नई लहर देखने को मिल सकती है.”
तीसरी लहर के लिए क्या डेल्टा प्लस वेरिएंट जिम्मेदार हो सकता है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि डेल्टा (B.1.617.2) और डेल्टा प्लस (AY.1), दोनों वेरिएंट देश में फैल चुका है. उन्होंने कहा, “डेल्टा वेरिएंट के कारण अब और इस तरह की स्वास्थ्य संकट नहीं हो सकता है.”
हाल ही में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कहा था कि देश में तीसरी लहर का आना “निश्चित” है और यह जल्द पहुंच सकती है. सोमवार को आईएमए ने राज्य सरकारों से महामारी के प्रसार को रोकने वाले प्रतिबंधों को ज्यादा ढील नहीं देने की अपील की थी. आईएमए ने कहा कि हमें महामारी की तीसरी लहर को नहीं भूलना चाहिए.
देश के कई हिस्सों में कोविड नियमों का उल्लंघन- सरकार
13 जुलाई को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कहा था कि देश के कई हिस्सों में कोविड नियमों का घोर उल्लंघन देखा जा रहा है जो इसे काबू में करने के लिए अब तक की मेहनत पर पानी फेर सकता है. देश में महामारी की स्थिति पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा था कि विश्व स्तर पर, कोविड-19 की तीसरी लहर देखी जा रही है और लोगों से यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया जाता है कि यह भारत में न हो.
वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा था, “हम सभी से अनुरोध करना चाहते हैं. जब हम कोविड की तीसरी लहर की बात करते हैं, तो हम इसे मौसम अपडेट की तरह ले रहे हैं और इसकी गंभीरता और अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझ रहे हैं. हमारा व्यवहार, तीसरी लहर का कारण बन सकता है.”