बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में 21 मार्च को हुए नरसंहार में मरने वालों की संख्या सोमवार दोपहर नौ हो गई। रामपुरहाट शहर के सरकारी अस्पताल में जली हुई महिलाओं में से एक नजमा बीदी की दोपहर करीब 1.30 बजे मौत हो गई।
21 मार्च की रात को हुई इस घटना के दौरान जब भीड़ ने लगभग 10 घरों में आग लगाई थी तो नजमा बीबी 65% जल गई थीं। इस दौरान दमकल कर्मियों ने उन्हें व दो अन्य घायल महिलाओं और एक नाबालिग के साथ बचाया था। जिला स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि चारों को रामपुरहाट अस्पताल ले जाया गया। अधिकारी ने कहा, “नजमा बीबी की हालत बिगड़ने के बाद रविवार को उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। सोमवार दोपहर उन्हें दिल का दौरा पड़ा।”
बता दें कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के स्थानीय नेता भादू शेख की हत्या के बाद रामपुरहाट गांव में हिंसा भड़क उठी। इस दौरान कुछ घरों को आग के हवाले कर दिया गया। इस घटना में दो बच्चों समेत आठ लोगों की जलने से मौके पर ही मौत हो गई थी।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के एक आदेश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) नरसंहार की जांच कर रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हत्याओं की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था, लेकिन अदालत ने इस मामले को हटा लिया। हत्या की गई महिलाओं में से एक के बेटे ने पहले आरोप लगाया था कि पीड़ितों को आग लगाने से पहले कुल्हाड़ी जैसे धारदार हथियारों से काटा गया था।
पीड़ितों में ज्यादातर महिलाएं थीं और दो बच्चे थे। राज्य सरकार ने अभी तक उनकी पहचान की घोषणा नहीं की है, लेकिन मुख्यमंत्री ने रविवार को एक जनसभा में कहा कि पीड़ित और हमलावर सभी टीएमसी के समर्थक थे। 22 मार्च की सुबह दमकल कर्मियों ने एक घर से सात जले हुए शव बरामद किए। आठवीं पीड़ित महिला की उसी दिन अस्पताल में मौत हो गई थी।