प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चित्रकूट और इटावा को जोड़ने वाले उत्तर प्रदेश के छठे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया। इस परियोजना की नींव प्रधान मंत्री द्वारा 2020 में रखी गई थी और यह परियोजना अब पूरी हो चुकी है। जालौन में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के लोकार्पण के दौरान पीएम मोदी के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। 296 किलोमीटर लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे राज्य में 14,850 करोड़ रुपये के निवेश से निर्मित चार लेन के साथ परिवहन सेवाओं की सुविधा प्रदान करेगा।
पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि ये एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड की गौरवशाली परंपरा को समर्पित है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से चित्रकूट से दिल्ली की दूरी तो 3-4 घंटे कम हुई ही है, लेकिन इसका लाभ इससे भी कहीं ज्यादा है। ये एक्सप्रेसवे यहां सिर्फ वाहनों को गति नहीं देगा, बल्कि ये पूरे बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को गति देगा। उन्होंने कहा कि पूरे यूपी की पहचान बदल रही है। पीएम ने कहा कि विकास की जिस धारा पर आज देश चल रहा है उसके मूल में दो पहलू हैं। एक है इरादा और दूसरा है मर्यादा। हम देश के वर्तमान के लिए नई सुविधाएं ही नहीं गढ़ रहे बल्कि देश का भविष्य भी गढ़ रहे हैं।
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे देश में मुफ्त की रेवड़ी बांटकर वोट बटोरने का कल्चर लाने की कोशिश हो रही है। ये रेवड़ी कल्चर देश के विकास के लिए बहुत घातक है। इस रेवड़ी कल्चर से देश के लोगों को बहुत सावधान रहना है। रेवड़ी कल्चर वाले कभी आपके लिए नए एक्सप्रेसवे नहीं बनाएंगे, नए एयरपोर्ट या डिफेंस कॉरिडोर नहीं बनाएंगे। रेवड़ी कल्चर वालों को लगता है कि जनता जनार्दन को मुफ्त की रेवड़ी बांटकर, उन्हें खरीद लेंगे। हमें मिलकर उनकी इस सोच को हराना है, रेवड़ी कल्चर को देश की राजनीति से हटाना है।
पीएम मोदी ने बताया कि बुंदेलखंड की एक और चुनौती को कम करने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है। हर घर तक पाइप से पानी पहुंचाने के लिए हम जल जीवन मिशन पर काम कर रहे हैं।
गौरतलब हो की आने वाले समय में एक्सप्रेसवे को भी छह लेन तक विस्तारित किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) द्वारा विकसित किया गया है। चित्रकूट और इटावा के साथ, एक्सप्रेसवे सात जिलों, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन और औरैया से होकर गुजरेगा।
बांदा और जालौन जिलों में औद्योगिक कॉरिडोर पर निर्माण भी शुरू हो गया है। राज्य के पश्चिमी, मध्य और बुंदेलखंड हिस्सों में 20,000 करोड़ रुपये की रक्षा गलियारा परियोजना के 5,071 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र शामिल हैं। अधिकारियों द्वारा परियोजना की कुल लागत 15,000 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है। हालांकि, योगी आदित्यनाथ प्रशासन ने ई-टेंडरिंग चुनकर करीब 1,132 करोड़ रुपये की बचत की है।