प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को केरल में बड़े पैमाने पर छापेमारी की है. यह कार्रवाई सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) घोटाले से जुड़े मामले में की जा रही है. जांच के दायरे में वे सभी संस्थाएं, ट्रस्ट और व्यक्ति हैं, जिन्हें अनंतु कृष्णन से पैसा मिला है. यह घोटाला गरीब लोगों से पैसे इकट्ठा करने से जुड़ा है. इसमें कई राजनेताओं, इलेक्ट्रॉनिक और ऑटोमोबाइल व्यापारियों, सहकारी बैंकों और एक उर्वरक निर्माण कंपनी की भूमिका की जांच की जा रही है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मामले के मुख्य संदिग्ध आनंदू कृष्णन से धन प्राप्त करने वाली संस्थाओं, ट्रस्ट और व्यक्तियों के परिसरों की तलाशी ली जा रही है, ताकि गरीब लोगों से एकत्रित धन का पता लगाया जा सके. कुछ नेताओं, ‘इलेक्ट्रॉनिक डीलर’, ‘ऑटोमोटिव डीलर’ और सहकारी बैंकों तथा एक उर्वरक विनिर्माण कंपनी की भूमिका संघीय जांच एजेंसी की जांच के दायरे में है.
धन शोधन का यह मामला केरल पुलिस अपराध शाखा की प्राथमिकी से सामने आया. पुलिस को प्राप्त शिकायतों के अनुसार, धोखेबाजों ने झूठे प्रस्ताव दिए और दावा किया कि यह छूट विभिन्न गैर सरकारी संगठनों और धर्मार्थ संगठनों की कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) गतिविधियों का हिस्सा है.
पुलिस के अनुसार, इस मामले में लगभग 37 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई. पुलिस ने इडुक्की जिले के थोडुपुझा निवासी कृष्णन को स्कूटर, सिलाई मशीन, घरेलू उपकरण और लैपटॉप आधी कीमत पर देने का वादा कर लोगों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. पूरे राज्य से मिली शिकायतों के बाद, इस घोटाले को लेकर पुलिस व्यापक जांच कर रही है. (इनपुट भाषा से भी)