दिल्ली विधानसभा के चुनाव में 27 साल बाद बीजेपी को जीत हासिल हुई है. पार्टी को 70 में से 48 सीटों पर जीत मिली है. बीजेपी में नए मुख्यमंत्री के लिए चेहरे की तलाश भी शुरू हो गई है. इस चुनौती से निपटने के बाद पार्टी के लिए चुनावी वायदों को पूरा करना और दावों को सच कर दिखाना बड़ी चुनौती बन सकता है. आम आदमी पार्टी अब विपक्ष में है और उसकी निगाहें बीजेपी पर होंगी. बीजेपी पिछली सरकार की योजनाओं में क्या बदलाव करती है और अपनी कौन सी योजनाएं लाती है इसपर भी सबकी निगाहें होंगी.
दिल्ली का इस वित्तीय वर्ष का बजट 76 हजार करोड़ रुपए है. इसमें सबसे ज्यादा खर्च शिक्षा पर 16,396 करोड़ रुपए निर्धारित है. वहीं आवास और शहरी विकास 9,800 करोड़ रुपए, स्वास्थ्य सेवा पर 8,685 करोड़ और परिवहन पर 7,470 करोड़ रुपए निर्धारित है. जल आपूर्ति और स्वच्छता 7,195 करोड़ रुपए और सामाजिक सुरक्षा कल्याण 6,694 करोड़ रुपए का खर्च प्रमुख है. कर, केंद्रीय सहायता और गैर कर स्रोतों से आय की बात करें तो 2024-25 के समापन तक 64,142 करोड़ से 62,415 करोड़ रुपए अनुमानित की गई थी. ऐसे में बीजेपी के सामने अपने वायदों को पूरा करने के लिए आय बढ़ाना कठिन होगा. राजनीतिक विश्लेषक और पत्रकार शरद गुप्ता कहते हैं, ”दिल्ली में राजस्व का कोई बड़ा स्रोत नहीं है. राजस्व बढ़ाने के लिए नए रास्ते तलाशने होंगे. केंद्र और राज्य दोनों जगह एक ही सरकार है.ऐसे में स्पेशल पैकेज के तहत दिल्ली सरकार को सहायता मिलेगी तो ही बात बनेगी.”
महिलाओं को 2500 रुपए प्रतिमाह देने का वादा को पूरा करने के लिए करीब 11 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है. आम आदमी पार्टी की गणना को ही मान लें तो 38 लाख महिलाएं इसकी पात्र हैं. चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में करीब साढ़े 24 लाख ऐसे बुजुर्ग हैं जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है. इन्हें ढाई से तीन हजार रुपए मासिक पेंशन का वादा किया गया है. इनकी मासिक पेंशन पर भी 4,100 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है. इसके साथ ही फ्री बिजली और पानी योजना को जारी रखने के लिए भी करीब 11 हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी. 500 रुपए में गैस सिलेंडर और होली और दीवाली पर इसे फ्री देने की पेशकश भी सरकार का बजट बढ़ाएंगी. आटो, टैक्सी और ई रिक्शा चालकों सहित गिग वर्कर्स को 10 लाख रुपए का जीवन बीमा और 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा भी बजट पर बोझ बनेगा. झुग्गियों की अटल कैंटीन में 5 रुपए में भोजन दिया जाएगा. वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद जोशी कहते हैं ”वित्तीय बोझ तो है लेकिन केंद्रशासित प्रदेश होने कारण केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है. बीजेपी राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में इस तरह की योजना चला रही है. ऐसे में कोई बड़ी वित्तीय दिक्कत नहीं दिखाई देती. दोंनों जगह उन्हीं की सरकार है तो वित्त का मसला सुलझ जाएगा. आम आदमी पार्टी ने फ्री बिजली का दायरा भी घटाया है तो उतनी समस्या नहीं है.”
आम आदमी पार्टी ने अपने कार्यकाल के दौरान शिक्षा को लेकर सबसे ज्यादा काम करने का दावा किया. बजट में भी इसकी झलक देखने को मिलती है. बीजेपी ने अपने चुनावी दावे में कहा है केजी से पीजी तक फ्री शिक्षा दी जाएगी. ऐसे में इस योजना पर बीजेपी कैसे सबको लाभ पहुंचाती है. यह देखना दिलचस्प होगा. बीजेपी ने 2026 तक तीन नए कॉलेज और प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेने वाले छात्रों को 15 हजार रुपए की सहायता देने का भी वादा किया है. इसके साथ ही अनुसूचित जाति और जनजाति के तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को 1,000 प्रतिमाह देने का वायदा किया है. वरिष्ठ पत्रकार शरद गुप्ता शिक्षा खर्च को लेकर कहते हैं, ”आम आदमी पार्टी ने निजी स्कूलों की फीस नहीं बढ़ने दी. यह दिल्ली में बड़ी बात है. वहीं सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के स्तर पर ला दिया. ऐसे में बीजेपी शिक्षा व्यवस्था में क्या परिवर्तन लाएगी, यह देखना होगा.”
भारतीय जनता पार्टी ने 3 साल में यमुना को साफ करने और रिवरफ्रंट बनाने का भी वादा किया है. पिछले कुछ वर्षों में आठ हजार करोड़ रुपए यमुना की सफाई पर खर्च हो चुके हैं. इसके अलावा तीन साल में लैंडफिल को साफ करने का भी वादा किया गया है. इसके अलावा दिल्ली की हवा को साफ करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे. वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद जोशी कहते हैं, ”बीजेपी सरकार की असल चुनौती यह है कि इस समस्या को निपटाने के लिए कितनी जल्दी आधारभूत ढांचा खड़ा कर पाते हैं. आम आदमी पार्टी ने इसके लिए आधारभूत ढांचा नहीं बनाया. पानी, हवा और शोर प्रदूषण को कम करने के लिए इन्हें एक बेहतर योजना बनानी होगी. गंगा की तरह यमुना की सफाई पर ध्यान देना होगा.”
दिल्ली में करीब 13 हजार ई बस का संचालन करने का वादा बीजेपी ने किया है. इसके लिए 20 हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी. दिल्ली के आसपास 65 हजार करोड़ रुपए के हाइवे भी तैयार होंगे. मेट्रो विस्तार पर भी 2,700 करोड़ रुपए की जरूरत है. दिल्ली सरकार ने सड़कों के विकास पर व्यय पिछले बजट के मुकाबले घटा दिया है. वित्त वर्ष 2023-24 में 3,126 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव था उसे 2024-25 में घटाकर 1,768 करोड़ रुपए कर दिया गया. इसके साथ ही बीजेपी अपनी स्वास्थ्य क्षेत्र की पंसदीदा योजना पीएम आयुष्मान भारत योजना को भी दिल्ली में लांच करेगी. इसके तहत पांच लाख रुपए तक का इलाज फ्री दिया जाएगा. इसमें 70 साल तक के बुजुर्गों का इलाज होगा. इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को 21 हजार रुपए की वित्तीय सहायता के साथ छह न्यूट्रीशन किट भी दी जाएगी. दिल्ली के अस्पतालों को और भी बेहतर बनाने के लिए 10 हजार 200 करोड़ की जरूरत है. वरिष्ठ पत्रकार शरद गुप्ता कहते हैं, ”दिल्ली की यातायात व्यवस्था एक बड़ी चुनौती है. 30 मिनट के सफर वालें रास्तों में डेढ़ से दो घंटे लग रहे हैं. यह किसी व्यक्ति की उत्पादकता को भी प्रभावित कर रहे हैं. ऐसे में एक अच्छी आधारभूत सरंचना को तैयार करना एक बड़ी चुनौती होने जा रही है. हालांकि अब दोनों जगह एक ही सरकार है. ऐसे में विभिन्न मंत्रालयों से दिल्ली को तमाम योजनाओं के लिए पैसा मिलेगा. जिससे दिल्ली सरकार को थोड़ी राहत रहेगी. ”